हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय की मूल चिट्ठी पर पहुंचने के बाद हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया। जरूरी कीवर्ड्स (हाई कोर्ट, स्कूल फीस, हरियाणा आदि) से हमने गूगल सर्च किया। हमारे सामने कई प्रामाणिक वेबसाइटों के लिंक सामने आए। यहां वायरल दावे के उलट ऐसी रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को फीस लेने की मंजूरी दी थी। ऐसी ही दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट यहां क्लिक कर देखी जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘निजी स्कूलों की फीस के संबंध में जारी हुआ ये पत्र काफी पुराना है। इसके बाद कई पत्र जारी हो चुके हैं।’ हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना काल में अभिभावकों का रोजगार भी छिन गया है। ऐसे में स्कूल भी अभिभावकों की परेशानी को समझते हुए फीस देने के लिए उनको समय दें।