हैदराबाद मर्डर केस के बीच वायरल हुआ 'निर्भया’ हेल्पलाइन नंबर, भ्रमित होने से पहले जान लें सच्चाई

नई दिल्ली. हैदाराबाद में दुष्कर्म कांड के बाद दिल्ली का निर्भया वाला मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक हेल्पलाइन नंबर की खबर लगातार वायरल हो रही है। जागरूक करने वाली पोस्ट में महिलाओं के लिए मैसेज लिखा है- निर्भया नंबर को अपनी पत्नी, बेटी, बहन, माँ, दोस्तों और उन सभी स्त्रियों को भेजे जिन्हे आप जानते हैं…उन्हें इसे सेव करने के लिए कहिए…और सभी पुरुष यह संदेश अपनी परिचित महिलाओं तक भेजें…अगर किसी आपत्तिजनक स्थिति में, महिलाए इस नंबर पर ब्लेंक संदेश या मिस कॉल करेंगी…जिससे पुलिस आपकी लोकेशन का पता लगा कर आपकी मदद कर पाएंगी। साथ में 9833312222 फोन नंबर दिया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 30, 2019 8:55 AM IST / Updated: Nov 30 2019, 02:26 PM IST
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हैदराबाद मर्डर केस के बीच वायरल हुआ 'निर्भया’ हेल्पलाइन नंबर, भ्रमित होने से पहले जान लें सच्चाई
सोशल मीडिया जैसे फेसबुक ट्विटर पर पिछले कुछ दिनों से लोग इसे जमकर शेयर कर रहे हैं। हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ हुए गैंगरेप के बाद इस मैसेज की शेयरिंग में और बढ़ोत्तरी हो गई। लोग निर्भया हेल्पलाइन के तौर पर इस पोस्ट को व्हैट्सएप पर शेयर कर रहे हैं। हालांकि हमने इस नंबर की जांच-पड़ताल की तो माजरा कुछ और ही निकला।
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नए मामले में पुराना मैसेज वायरल- ये मैसेज ताजा-तरीन नहीं है। साल 2018 से ही ये मैसेज वूमेन हेल्पलाइन के तौर पर लगातार शेयर किया जाता रहा है। आपको बता दें कि दिसंबर 2012 में दिल्ली में 23 साल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी, जिसके बाद पूरे देश भर में इसके खिलाफ हंगामा हुआ था। लड़की को निर्भया नाम दिया गया। इस पर कई हेल्पलाइन और फंड का निर्माण हुआ।
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फैक्ट चेक- अब आती है वायरल मैसेज के नंबर की सच्चाई की बात। वायरल हो रहा ये हेल्पलाइन नंबर- 9833312222 चालू है या नहीं ? और क्या वाकई ये निर्भया हेल्प लाइन के तहत शुरू किया गया है? इस पोस्ट को देखकर ऐसे सवाल मन में उठते हैं। तो हमने इसकी छानबीन की। नंबर की जांच-पड़ताल करने पर हमने पाया कि यह मोबाइल नंबर निर्भया नहीं बल्कि रेलवे का है। 2015 में सरकारी रेलवे पुलिस ने ये नंबर जारी किया था। यह हेल्पलाइन नंबर मुंबई तक ही कार्यरत था। इस नंबर का उपयोग महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से संबंधित संदेश, तस्वीर या वीडियो भेजने के लिए रेलवे यात्रियों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से किया जा सकता है। इतना ही नहीं ये नंबर अब चालू भी नहीं है। इस नंबर के व्हाट्सएप्प पर संदेश भेज पाना भी संभव नहीं है, क्योंकि यह नंबर व्हाट्सएप्प मैसेजींग एप्प पर दर्ज नहीं है। मुंबई का हेल्पलाइन नंबर 103 है। महाराष्ट्र के बाकि हिस्से के लिए हेल्पलाइन नंबर 1091 है।
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निर्भया केस के बाद शुरू हुई थी 181 नंबर हेल्पलाइन- आपको बता दें कि असली महिला हेल्पलाइन नंबर 181 है। निर्भया मामले के बाद जनवरी 2013 में तीन अंकों के टोल-फ्री नंबर – 181 को शुरू किया गया था। इस तरह मुश्किल में घिरी महिला के लिए एक और नंबर – 1091 भी है, जिसे देश भर के राज्यों में इस्तेमाल में भी लिया गया। इस खबर के साथ हम आपको बता दें कि ‘निर्भया हेल्पलाइन’ के नाम से कोई नंबर दर्ज नहीं है। सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया नंबर फर्जी और झूठा है।
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