FACT CHECK: क्या दिल्ली के अस्पताल में लगे लाशों के ढेर; मरीजों में खौफ, जानें वायरल वीडियो का सच

नई दिल्ली.  कोरोना का कहर जारी है और देश में कोरोना संक्रमित मामले लगातार बढ़ रहे हैं आंकड़ा दो लाख छूने को है और इस बीच लॉकडाउन में ढील दे दी गई है। सोशल मीडिया पर दिल्ली के अस्पताल में लाशों के ढेर का दावा करने वाला एक वीडियो तहलका मचाए हुए है। वीडियो में कई लोग ये शिकायत करते हुए दिख रहे थे कि अस्पताल के बेड पर लाशों को रखा हुआ है और मरीज़ नीचे ज़मीन पर पड़े हुए और आस-पास कोई डॉक्टर भी नहीं है। लोग इसे दिल्ली के किसी अस्पताल का बता रहे हैं।

 

फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि वायरल हो रहे दावे- 'ये दिल्ली के हालात है! लाशें इतनी ज्यादा है कि पांच पांच दिन संस्कार नहीं हो पा रहा!' का आखिर सच क्या है?

Asianet News Hindi | Published : Jun 2, 2020 12:35 PM IST / Updated: Jun 02 2020, 06:10 PM IST
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FACT CHECK: क्या दिल्ली के अस्पताल में लगे लाशों के ढेर; मरीजों में खौफ, जानें वायरल वीडियो का सच

2 मई को दिल्ली में 1 हज़ार से भी ज़्यादा कोरोना वायरस केस सामने आये। ऐसा लगातार दूसरे दिन हुआ जिससे दिल्ली में कुल केसों की संख्या 17,400 तक पहुंच गयी। इसकी पृष्ठभूमि में एक वीडियो सामने आया जिसमें कई लोग ये शिकायत करते हुए दिख रहे थे कि अस्पताल के बेड पर लाशों को रखा हुआ है। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

ट्विटर यूज़र बी पी सिंह ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए इसे दिल्ली की हालत बताया है। एक मैसेज कॉपी पेस किया हुआ है- “ये दिल्ली के हालात है लाशें इतनी ज्यादा है कि पांच पांच दिन संस्कार नहीं हो पा रहा । अकेले लोकनायक हॉस्पिटल मे 106 बॉडी पड़ी है । 80 मोर्चरी रेक मे और 26 जमीन पर।” 

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ट्विटर यूज़र संगीत कुमार ने इस वीडियो को जिस मेसेज के साथ ट्वीट किया और सेम मैसेज कॉपी पेस्ट दिख रहा है। इसे कांग्रेस की नेता अल्का लाम्बा ने ट्वीट किया।

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सर्च करने पर हमने पाया कि, ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई और लोगों ने भी इस वीडियो को ट्वीट करते हुए दिल्ली के अस्पतालों की बुरी स्थिति दिखाने की कोशिश की है। ये वीडियो भयानक वायरल है।

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फैक्ट चेकिंग

 

फैक्ट चेक में मालूम हुआ कि ये वीडियो दिल्ली के किसी अस्पताल का नहीं बल्कि मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल का है। इस वीडियो में आप खुद सुन सकते हैं कि ‘ये KEM हॉस्पिटल है।’ इस वीडियो को 26 मई 2020 को बनाया गया था। भाजपा नेता राम कदम ने इसे 27 मई को ट्वीट किया और दावा किया था की कोरोना वायरस से ग्रसित होकर मरने वाले मरीजों की लाशों को उसी कमरे में रखा गया है जिसमें मरीज़ मौजूद हैं।

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सच क्या है? 

 

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने राम कदम के ट्वीट को कोट ट्वीट किया और साथ ही बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की दी हुई सफ़ाई के स्क्रीनशॉट को भी शामिल किया। BMC की सफ़ाई में कहा गया कि इस वीडियो को KEM कर्मियों की अचानक से की गयी स्ट्राइक के दौरान बनाया गया था। हड़ताल के दौरान काम करने वाले लोग थे और इस वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। ये भी बताया गया कि हड़ताल ख़त्म होते ही चीज़ों को ठीक कर दिया गया था। सरकार ने भी साफ़ किया कि ये वीडियो KEM अस्पताल की मौजूदा स्थिति नहीं दिखाते हैं।

 

इंडियन एक्सप्रेस की 26 मई 2020 की एक रिपोर्ट में लिखा हुआ है – “मुंबई के KEM अस्पताल में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने बुरे हालातों में काम करने का हवाला देते हुए मंगलवार को अपने साथी की मौत और उसकी लाश के शव गृह में 2 दिनों तक पड़ी रहने के बाद प्रदर्शन किया।”

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ये निकला नतीजा 

 

जांच-पड़ताल के बाद यही नतीजा निकलता है कि, मुंबई के वीडियो को लोगों ने जानबूझकर दिल्ली का बताकर शेयर किया। इससे लोग फेक खबरों का शिकार हो गए। इस दावे में कोई सच्चाई नहीं। 

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