Corona Fact Check. बर्तन चाटकर कोरोना फैला रहे मुस्लिम झूठा है ये दावा, 2 साल पुराना है वीडियो

नई दिल्ली. कोरोना के मरीज मिलने के बाद से निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज चर्चा में है। इस बीच सोशल मीडिया पर कुछ मुस्लिम लड़कों का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सभी लड़के बर्तन और कटलरी चाट रहे हैं। वीडियो ने कोरोना आपदा के बीच सनसनी मचा दी है। दावा किया जा रहा है कि ये लोग कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि वीडियो की असलियत क्या है? क्या ये मामला वाकई कोरोना से जुड़ा है या नहीं? 

Asianet News Hindi | Published : Apr 1, 2020 8:21 AM IST / Updated: Apr 01 2020, 06:41 PM IST

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Corona Fact Check.  बर्तन चाटकर कोरोना फैला रहे मुस्लिम झूठा है ये दावा, 2 साल पुराना है वीडियो
दिल्ली के निजामुद्दीन में करीब हजारों की तादाद में लोग फंसे हुए पाए गए। इनमें से 24 से ज्यादा लोगों को कोरोना संक्रमित भी पाया गया। मरकज की तबलीगी जमात के इन लोगों की दुनिया भर में चर्चा है। कोरोना फैलने के कारण सभी पर उंगलियां भी उठ रही हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर मुस्लिम लड़कों का बर्तन चाटकर कोरोना फैलाने के दावे का वीडियो वायरल हो रहा है।
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वायरल पोस्ट क्या है? वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे मैसेज में लिखा है, “बिहार की मस्ज़िद में छिपे चीन के 14 मुसलमानों को बिहार पुलिस कोरोना वायरस की जांच के लिए ले गई. ईरोड पुलिस ने कोरोना वायरस से संक्रमित मुस्लिमों को पकड़ा है. आज पुलिस ने सलेम मस्ज़िद से 11 इंडोनेशियाई मुस्लिम मुल्लाओं को पकड़ा है…”
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क्या दावा किया जा रहा? वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बिहार में एक मस्जिद में चीन के मुसलमान छिपे हुए थे। पुलिस ने सलेम मस्ज़िद से 11 इंडोनेशियाई मुस्लिम मुल्लाओं को पकड़ा है। एक और दावा किया गया कि बिहार की एक मस्ज़िद में छिपे चीन के 14 मुस्लिमों को पुलिस पकड़कर टेस्ट करवाने के लिए ले गई। ये पोस्ट सोशल मीडिया पर हजारों बार शेयर की जा चुकी है।
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सच्चाई क्या है? गूगल पर, ‘मुस्लिम्स लिकिंग यूटेंसिल्स’, कीवर्ड सर्च करने पर बहुत सारे रिजल्ट्स दिखे। इसमें 31 जुलाई, 2018 का एक वीडियो मिला इसमें लोग बर्तन चाटकर साफ कर रहे हैं लेकिन ये कोरोना से जुड़ा नहीं है। ये दो साल पुराना वीडियो दाऊदी बोहरा समुदाय के लोगों का है। ये समुदाय एक भी दाना बर्बाद न होने देने के लिए बर्तनों में बचा खाना चाट-चाटकर साफ कर रहे थे। डिस्क्रिप्शन में ये भी लिखा था कि युवक “सैयदना” के आदेश का पालन कर रहे थे। सैयदना आली क़द्र मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन दाऊदी बोहराओं के 53वें और वर्तमान दाई-उल-मुत्लक़ (पंथ के सर्वोच्च अधिकारी) हैं।
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हमें ये वीडियो ट्विटर पर भी मिला। 30 जुलाई, 2018 को ये वीडियो शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, “बोहरा एक बड़ी ‘थाल’ में साथ में भोजन करते हैं।” ये एक जमातख़ाने का वीडियो है जहां कई अवसरों पर खाना बांटा जाता है। ये खाने की बर्बादी रोकने की कोशिश का उच्चतम स्तर है।” बोहरा समुदाय के धर्मगुरू बुरहानुद्दीन, ने कहा, “बोहरा समुदाय में प्रथा है कि खाने का एक दाना भी बेकार न हो। इस वजह से, बच्चों को खाना बचाने की सीख देने के लिए अन्न समितियां बनाई जाती हैं। ये वीडियो उन्हीं में से किसी समिति का है जो भोजन के बाद बर्तनों को साफ कर रही है।”
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बचे हुए खाने की बर्बादी रोकने के लिए बोहरा मुसलमानों का थाली और चम्मच चाटने के वीडियो को, मुस्लिमों द्वारा कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने की कोशिश, बताकर शेयर किया गया। हालांकि ये वीडियो पहले भी वायरल हो चुका है तब दावा किया गया था कि मुस्लिम हिंदुओं को खाना खिलाने से पहले खुद बर्तन झूठे करते हैं। ये बिल्कुल फर्जी दावे के साथ लोगों में नफरत के बीच बोए जा रहे हैं। कोरोना से जुड़ी फर्जी खबरों और दावों पर भरोसा न करें।
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