NASA ने शेयर किया वीडियो, स्पेस तक पहुंची तालियों की आवाज; PM मोदी ने कहा था ऐसा करने को

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस (कोविड 19) की महामारी को लेकर चिंता है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहसें हो रही हैं। तमाम लोग अलग-अलग स्रोत का हवाला देकर जानकारियां साझा कर रहे हैं। इसी में से एक जानकारी नासा के हवाले से साझा हो रही है जो भारत से जुड़ी है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2020 10:52 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:31 PM IST

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NASA ने शेयर किया वीडियो, स्पेस तक पहुंची तालियों की आवाज; PM मोदी ने कहा था ऐसा करने को
प्रधानमंत्री ने क्या अपील की थी:- दरअसल, रविवार 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सभी लोगों से 'जनता कर्फ़्यू' की अपील की थी। पीएम ने अपील के साथ शाम 5 बजे से तालियां, बर्तन, घंटियां या शंख बजाकर ऐसे लोगों के उत्साहवर्धन की अपील की थी जो महामारी के बावजूद सेवा के कार्यों से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री की इस अपील का जबरदस्त असर रहा और रविवार शाम 5 बजे भारत में तालियां, घंटियां, बर्तन, शंख बजाकर सेवा कार्यों से जुड़े लोगों की हौसला अफजाई हुई।
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नासा को लेकर किस तरह के दावे किए जा रहे हैं:- अब इसी घटना को लेकर नासा के हवाले से सोशल मीडिया पर दावे सामने आ रहे हैं। लोगों का दावा है कि जनता कर्फ़्यू के दौरान भारत में लोगों की तालियों, बर्तन, शंख और घंटियों को बजाने का वीडियो नासा ने लाइव टेलीकास्ट किया। यह दावा भी किया गया कि जनता कर्फ्यू के नासा की सैटेलाइट ने देखा शाम पांच बजे आवाज के शोर से एक "कॉस्मिक साउंड वेब" क्रिएट हुआ। नासा ने पाया कोरोना वायरस भारत में कमजोर पड़ गया।"
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ट्विटर पर तमाम लोगों ने लिखा भी, "नासा ने कहा कि आज केवल भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसे स्पेस से सुना जा सकता है। और यह मानव इतिहास में पहली बार हो रहा है। मुझे अपने देश पर गर्व है। UNESCO ने भी इसे कोरोना वायरस के खिलाफ लिया गया सबसे अच्छा उपाय घोषित किया है।"
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सच्चाई क्या है:- जनता कर्फ़्यू और प्रधानमंत्री की अपील को लेकर जिस तरह के मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं वो पूरी तरह से फेक हैं। NASA के पास ऐसी कोई तकनीकी नहीं है जिसमें धरती से निकली किसी आवाज या ध्वनि तरंग को स्पेस में रिकॉर्ड किया जा सकता हो। इस दावे का भी कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि साउंड वेब से कोरोना वायरस कमजोर पड़ जाता है।
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निष्कर्ष :- जनता कर्फ़्यू और कोरोना वायरस को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह फेक और अवैज्ञानिक है। फर्जी जानकारियों को साझा करने से बचें।
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