Published : Apr 08, 2020, 04:00 PM ISTUpdated : Apr 08, 2020, 04:10 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरल को लेकर पूरे देश में डर का माहौल है। देश 14 अप्रेल तक पूरी तरह लॉकडाउन है। इस बीच लोग घरों में कैद हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव लोग कोरोना से जुड़ी खबरों पर नजर रख रहे हैं। हालांकि फर्जी खबरों और दावों की भी कमी नहीं हैं। बीते कुछ दिनों से निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के लोगों के कार्यक्रम में कोरोना संक्रमित सदस्यों के पाए जाने के बाद से बवाल मचा हुआ है। जो लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे उनको गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। खबरें थीं कि ये लोग अस्तपाल में स्टाफ से बदसलूकी और अश्लीलता पर उतर आए थे। इसी के मद्देनजर एक मुस्लिम शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में शख्स मस्जिद में निर्वस्त्र पड़ा नजर आ रहा है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि क्या सच्चाई है?
वीडियो लोग ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर जमकर शेयर कर रहे हैं। इससे तब्लीगी जमात के साथ-साथ पूरे मुस्लिम समुदाय पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
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वायरल पोस्ट क्या है? डॉ कीर्ति प्रताप नाम के एक ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर किया। कैप्शन में लिखा- “देखिए 14 दिन के एकांतवास में भी इन तबलीगी जमात के लोगों ने अश्लीलता और आतंक मचा रखा है…कोरोंनटाइन में जमकर किया हंगामा#सरम नाम की सारी हदें कर दी पार#खेला नंगा नाच वीडियो हुवा वाइरल# प्रशासन है इन लोगो से परेशान।
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क्या दावा किया जा रहा है? खून से लथपथ एक शख्स मस्जिद के अंदर लेटा है और पुलिस आती और उसे पकड़कर लेकर जाती है। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि ये कोरोनोवायरस आइसोलेशलन वार्ड में तब्लीगी जमात का सदस्य है। वह नर्सों और डॉक्टरों के सामने नग्न घूम रहा है। कई हैंडल ने वीडियो को साझा किया है जहां आदमी को अपने सिर और नंगे हाथों से कांच की खिड़कियों को तोड़ते हुए देखा जा सकता है।
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इससे पहले कई समाचार चैनलों पर ऐसी खबरें आई कि जमात के सदस्य नग्न होकर घूम रहे थे और गाजियाबाद के एक अस्पताल में कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे। वहां उन्होंने अश्लीलता की और इलाज करने में हेल्थ वर्कर्स के साथ सहयोग नहीं किया। इन्हीं खबरों से वीडियो को जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
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सच्चाई क्या है? दरअसल तब्लीगी जमात के नाम पर वायरल हो रहा ये वीडियो भारत का नहीं ब्कि पाकिस्तान का है। YouTube पर एक कीवर्ड खोज के साथ हमने खोजा तो पाया कि 26 अगस्त, 2019 को वीडियो पोस्ट किया गया था। वीडियो का शीर्षक है, "नग्न आदमी गुलशन ए हदीद कराची मस्जिद में दाखिल हुआ।" उस शख्स की पहचान शफीक अब्रो के रूप में हुई थी जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने यह भी कहा कि वह आदमी एक पुलिस कमांडो का बेटा है और मानसिक रूप से विकलांग है।
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ये निकला नतीजा इसलिए हम कह सकते हैं कि पाकिस्तान के कराची की एक मस्जिद के पुराने वीडियो को तब्लीगी जमात के सदस्यों के नाम पर झूठे दावों के साथ वायरल किया गया। जबकि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। देश पहले की कोरोना आपदा से लड़ रहा है ऐसे डरावने माहौल में लोगों को सोशल मीडिया पर ऐसी सांप्रदायिक घटनाओं के नाम झूठे और फर्जी दावों को साझा करने से बचना चाहिए।