Fact Check: सुसाइड बम बांधे आतंकवादी की फोटो वायरल; दिल्ली हिंसा से जोड़े गए तार, जानें सच
नई दिल्ली. दिल्ली में हुए भीषण दंगों के बाद अब जाकर माहौल शांतिपूर्ण हो पाया है। दिल्ली हिंसा के बाद से प्रभावित क्षेत्रों को लेकर बहुत सी खबरें सामने आई हैं। वहीं दंगों में शामिल उपद्रवियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस दिल्ली दंगों को लेकर सोशल मीडिया पर मचा हुआ कोहराम थमने का नाम नहीं ले रहा है। ट्विटर, फेसबुक पर लगातार दिल्ली दंगों में शामिल लोगों के खुलासे हो रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर दिल्ली दंगे में शामिल एक शख्स की शिनाख्त का दावा किया जा रहा है। ये तस्वीर डरावनी और भड़काऊ भी है। ये एक आत्मघाती हमलावर की तस्वीर है जो तेजी से शेयर की जा रही है। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि, दिल्ली में दंगे नहीं युद्ध का बिगुल फूंका गया था, यहां आत्मघाती विस्फोटक के साथ आरोपी गिरफ्तार हुए। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं वायरल हो रही इस खबर की पूरी सच्चाई आखिर क्या है......
दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के सीलमपुर और उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक छापेमारी कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया। इस तस्वीर को दिल्ली हिंसा से जोड़ते हुए यह भी दावा किया गया है कि यह सिर्फ हिंसा नहीं थी बल्कि युद्ध था।
तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा गया है, ‘डोभाल ऐसे ही नहीं घूम रहे थे गलियों व मौहल्लों में, जब हम और आप सो रहे थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने दिल्ली और यूपी पुलिस की मदद से बीती रात दिल्ली के सीलमपुर और यूपी के अमरोहा में छापेमारी की और 16 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें एक इंजीनियरिंग का छात्र, अमरोहा मस्जिद का मौलवी, एक यूनिवर्सिटी का छात्र, कई वेल्डर और ऑटो चालक शामिल हैं। छापेमारी में सीलमपुर दिल्ली में एक राकेट लॉन्चर, अन्य जगहों पर 25 किलो विस्फोटक सामग्री, 150 फोन, 300 सिम कार्ड, 200 अलार्म घड़ियां और लोहे के पतले पाइप, टनों कीलें मिलीं। इसके अलावा 8 लाख कैश भी मिला। बड़े बड़े वेल्डिंग मशीन से पाइप बम बन रहे थे, सुसाइड वेस्ट और टाइमर वाले बम मिले। आटो वाले सामान पहुंचाने में लगे थे। गिरोह के सरगना मुफ्ती ने बताया कि इनका हैंडलर दुबई में है। अगर आप इसे सिर्फ दंगा मान रहे हैं तो आप बड़े भोले हैं, ये युद्ध है।’
वायरल हो रही इस पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि, दिल्ली हिंसा में भारी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। सुसाइड वेस्ट और टाइमर वाले बम मिले। इस शख्स की फोटो दिल्ली हिंसा में शामिल संदिग्ध के तौर पर शेयर की जा रही है।
अब सवाल ये उठता है कि, सोशल मीडिया पर वायरल ये फोटो क्या दिल्ली हिंसा में शामिल साजिशकर्ता की है? क्या NIA ने विस्फोटक पहने आत्मघाती हमलावर को गिरफ्तार किया है? तो हम आपको बता दें कि, इस तस्वीर का दिल्ली हिंसा से कोई संबंध नहीं है। ये शख्स अफगानिस्तान का है और तस्वीर भी साल 2010 से इंटरनेट पर मौजूद है। पोस्ट में NIA और दिल्ली-यूपी पुलिस की जिस छापेमारी का जिक्र किया गया है वह भी दो साल पुराना साल 2018 का मामला है। इस तस्वीर और छापमारी की खबर को एकसाथ मिलाकर भ्रामक पोस्ट बनाकर शेयर की जा रही है। यह फोटो अफगानिस्तान में पकड़े गए तालिबानी आत्मघाती हमलावर की है। हालांकि वायरल पोस्ट में किए जा रहे छापेमारी के दावे की खबर सच है। इंडिया टुडे की 26 दिसंबर, 2018 को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘NIA ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इस्लामिक स्टेट के मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम का पर्दाफाश किया था।
इस सिलसिले में छापेमारी के बाद NIA ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया और 10 को हिरासत में लिया।’हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि पोस्ट में किया गया दावा आधा सच है। मामला साल 2018 का है और इसका दिल्ली हिंसा से कोई संबंध नहीं है। तालिबानी आत्मघाती हमलावर की साल 2010 में खींची गई तस्वीर और 2018 में NIA की दिल्ली और उत्तर प्रदेश में की गई छापेमारी की खबर को बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स दिल्ली हिंसा से जोड़कर गलत तरीके से शेयर कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि दिल्ली हिंसा से इसका कोई लेना-देना नहीं है। ऐसी फर्जी खबरों और पोस्ट को शेयर करने से बचना चाहिए।