लॉकडाउन में पुलिस को सड़क पर बिखरे मिले नोट, लोगों ने कहा कोरोना फैलाने की है ये साज़िश, जानें सच

इंदौर. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 14 हज़ार के पार जा पहुंची है। इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है। बैंक, एटीएम खुले हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर सड़क पर बिखरे नोटों का एक वीडियो सामने आया है। 500 और 2 हजार के नोट सड़कों पर बिखरे देख लोगों ने वीडियो बना लिया। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये एक विशेष समुदाय के लोगों की कोरोना फैलाने की साजिश है। वीडियो से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।

 

फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि ये आखिर कहां का मामला है और क्या सच्चाई है? 

Asianet News Hindi | Published : Apr 19, 2020 9:11 AM IST / Updated: Apr 19 2020, 03:37 PM IST
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लॉकडाउन में पुलिस को सड़क पर बिखरे मिले नोट, लोगों ने कहा कोरोना फैलाने की है ये साज़िश, जानें सच

कोरोना संक्रमण के साथ-साथ सोशल मीडिया में इससे जुड़ी हुई सही-ग़लत जानकारियां भी फैल रही हैं। तबलीग़ी जमात से जुड़े हुए ज़्यादातर लोगों के कोरोना टेस्ट पॉज़िटिव आने के बाद देश में कोरोना फैलाने का ठीकरा मुस्लिमों पर फोड़ा जाने लगा। वीडियो और तस्वीरें शेयर कर सोशल मीडिया में मुस्लिम समुदाय पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है।

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वायरल पोस्ट क्या है?

 

एक ट्विटर हैन्डल ने अपने ट्वीट में बताया कि इंदौर में मुस्लिम समुदाय के लोग कोरोना वायरस फैलाने के लिए नोटों को सड़क पर फेंक कर चले गए हैं, इस ट्वीट किये हुए वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 13,400 बार देखा और 1,200 बार रीट्वीट किया जा चुका है। ये वीडियो इसी मेसेज के साथ फ़ेसबुक पर भी पोस्ट किया गया है।

 

इसके अलावा ये वीडियो तमिल मेसेज के साथ भी शेयर किया गया जिसमें लिखा था, पश्चिम बंगाल में मुस्लिम लोग कोरोना फैलाने के लिए नोटों को रोड पर फेंक कर चले गए। इस वीडियो को 5,500 बार देखा जा चुका था।

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क्या दावा किया जा रहा है? 

 

वीडियो में सड़क के किनारे कुछ नोट गिरे हुए दिखाई दे रहे हैं और एक पुलिसकर्मी उन नोटों को डंडे से उठाकर एक प्लास्टिक बैग में डाल रहा है। वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि एक मुस्लिम व्यक्ति 100, 200 और 500 रुपये की नोटों को सड़क पर फेंक कर चला गया। मेसेज में दावा किया गया है कि मुस्लिम कोरोना वायरस को फैलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। 

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फ़ैक्ट-चेक

 

वीडियो वायरल होने के बाद हमने इसकी जांच-पड़ताल की। गूगल पर “इंदौर खातीपुरा 500 नोट” की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। 17 अप्रैल को इंदौर की खातीपुरा-गौरी नगर रोड पर गुरुवार की सुबह सड़क पर गिरे हुए कुछ नोट मिले थे। स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर नोटों को सेनिटाइज़ कर ज़ब्त कर लिया।

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हीरा नगर पुलिस स्टेशन के थाना इंचार्ज राजीव भदौरिया ने इस मामले में बताया कि, “ये बात क्लियर हो चुकी है कि किसी व्यक्ति या फ़िर किसी मुस्लिम व्यक्ति ने जानबूझ कर ये नोट नहीं गिराए थे। दरअसल ये नोट इंडियन गैस डिलीवर करने वाले एक व्यक्ति की जेब से गिर गए थे। इस व्यक्ति का नाम राम नरेंद्र यादव है।

 

यादव हमारे पास नोटों के बारे में जानने के लिए आए थे उनकी बात सुनकर हमने सीसीटीवी फुटेज को चेक किया और ये बात साफ़ हो गई कि ये नोट उनके ही थे।”
 

(Demo Pic) 

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ये निकला नतीजा

 

इस तरह ये बात साफ़ हो चुकी है इंदौर के खातीपुरा इलाके में रोड पर गिरे हुए नोट में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। सोशल मीडिया पर ऐसे दावे और खबरें एक विशेष यमुदाय के प्रति नफरत फैलाने की मंशा के साथ वायरल की जा रही हैं। ऐसा एक और मामला पहले भी दिल्ली में देखने को मिला था जिसमें एक व्यक्ति एटीएम से पैसे निकाल कर जा रहे थे, तब उनकी जेब से कुछ नोट गिर गए थे। इस घटना के वीडियो को सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया था। 

 

(Demo Pic)

 

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तबलीगी जमात के मामले के बाद सैकड़ों कई फेक वीडियो के साथ कुछ खास समुदाय को द्वारा कोरोना को फैलाने का आरोप लगाया गया था। ये सभी वीडियो और खबरें फर्जी निकलीं। पुलिस ने फेक न्यूज को लेकर सख्ती बरती है। कई लोग गिरफ्तार भी हुए हैं।

 

कुछ लोग समाज की फेक खबर को फैलाकर यहां के माहौल को खराब करना चाहते हैं। इनसे बचें। आए दिन सोशल मीडिया पर ऐसी कई फेक खबर वायरल हो जाती है, जो समाज में तनाव की स्थिति पैदा कर देती है। कोरोना और लॉकडाउन के समय में इसके हालात और ज्यादा बदत्तर हो गए हैं। 

 

 

(Demo Pic)

 

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फर्जी दावों और खबरों के बहकावे में न आएं लोग

 

तो देखा न आपने कि कैसे हमारे समाज में तेजी से फेक न्यूज वायरल हो रही हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों तक इसके सच को पहुंचाए। कोरोना के नाम पर लोगों के अंदर नफरत के बीज बोए जा रहे हैं, ऐसे में पढ़ें-लिख वर्ग को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि बिना जांचे परखे कोई खबर, वीडियो फॉरवर्ड न करें।

 

आपकी एक गैर-जिम्मेदारना हरकत समाज की शांति को भंग कर सकती है। वहीं किसी भी खबर पर संदेह हो तो उसे किसी विश्ववसनीय जगह, संस्थान या लोगों से एक बार जरूर कंफर्म करें। आप खुद भी एक बार गूगल पर चेक कर सकते हैं।

 

(Demo Pic)

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