'मेरे पूर्वज मुस्लिम थे और कांग्रेस मुस्लिमों की रहेगी' राहुल गांधी के बयान से मची खलबली, जानें सच

नई दिल्ली. लॉकडाउन के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मजदूरों के साथ तस्वीर वायरल हुई थी। बहुत से लोग इस तस्वीर गांधी की तारीफ और आलोचना कर रहे थे। इस बीच राहुल गांधी के नाम कुछ बयान जमकर वायरल हो रहे हैं। फ़ेसबुक पर वायरल इस पोस्ट में ए.बी.पी. न्यूज़ के टेम्पलेट के स्क्रीनशॉट्स में राहुल गांधी के दो कथित बयानों को शेयर करते हुए उन्हें सांप्रदायिक कोण दिया गया है। हालांकि, ये पोस्ट्स पहले भी वायरल हो चुके हैं। इसमें लिखा है कि राहुल गांधी ने कहा है मेरे पूर्वज मुस्लिम थे मैं मुस्लमान हूं और कांग्रेस मुस्लिमों की है और उनकी ही रहेगी। गांधी के नाम ये बयान जमकर शेयर किए जा रहे हैं। 

 

फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि क्या राहुल गांधी ने कहा है कि मेरे पूर्वज मुस्लिम थे (Fact Check of Rahul Gandhi My Forefather were muslims)  सच क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : May 19, 2020 11:07 AM IST / Updated: May 19 2020, 05:05 PM IST

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'मेरे पूर्वज मुस्लिम थे और कांग्रेस मुस्लिमों की रहेगी' राहुल गांधी के बयान से मची खलबली, जानें सच

राहुल गांधी ने हाल में लॉकडाउन के बीच सड़क पर घरों को पैदल लौटते मजदूरों से मुलाकात की। उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई। तब से गांधी चर्चा में हैं और उनके नाम अब ये स्क्रीनशॉट सुर्खियों में आ गए। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

 

हिंदी कैप्शन के साथ एक न्यूज चैनल के नाम के साथ ये फोटोज वायरल हो रहे हैं। इसमें लिखा है, आखिर अपनी औकात दिखा ही दी, अब चम्मचों खुद ही फैसला करो, की तुम्हारा नेता साम्प्रदायिक है या.....? ऐ.बी.पी न्यूज़ के टेम्पलेट पर छापे ये दो बयान इस प्रकार हैं: पहला: कोंग्रेस मुस्लिमों की है और उनकी ही रहेगी - राहुल गांधी दूसरा: मेरे पूर्वज मुस्लिम थे मैं मुस्लमान हूं - राहुल गांधी 

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क्या दावा किया जा रहा है? 

 

दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने लॉकडाउन के बीच सांप्रदायिक एंगल वाला बयान दिया है। 

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फ़ैक्ट चेक

 

जब वायरल पोस्ट में शेयर किये गए स्क्रीनशॉट्स में से पहले स्क्रीनशार्ट को रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें पता चला की यही दावा वर्ष 2018 में भी वायरल रह चुका है। उस वक़्त ऐ.बी.पी न्यूज़ के टेम्पलेट पर ऐसे ही चार फ़र्ज़ी बयान राहुल गांधी के नाम से वायरल हुए थे। ए.बी.पी. न्यूज़ के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से नवंबर 12, 2018 को किया गया एक ट्वीट मिला जिसमे चैनल ने इन चारों स्क्रीनशॉट्स को फ़र्ज़ी बताया था। अब लॉकडाउन के बीच ये फिर से वायरल हो रहे हैं। 

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सच क्या है? 

 

इन सभी बयानों की सत्यता का कोई कोई ठोस प्रमाण नहीं है। ऐसा कोई बयान राहुल गांधी ने नहीं दिया है। वहीं कांग्रेस नेता रही प्रियंका चतुर्वेदी ने इंकलाब अखबार की एक रिपोर्ट को खारिज करते हुए शर्मनाक बताया था।

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रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ जुलाई 11, 2018 को हुई एक बैठक के संबोधन में कहा था: अगर भाजपा यह कहती है कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है तो हां मैं कहता हूं कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है, क्योंकि मुल्क का मुसलमान अब दूसरा दलित हो गया है, जबकि कांग्रेस हमेशा से कमजोरों के साथ रही है। इंकलाब में छपे इस आर्टिकल को कांग्रेस के कई नेताओं के ख़ारिज किया था। मीडिया में कहीं भी इस बात की पुष्टि नहीं की गयी है की राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया है। पार्टी के कई नेताओं अखबार की इस रिपोर्ट पर आपत्ती जताई थी। 

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ये निकला नतीजा 

 

ए.बी.पी. न्यूज़ के कई वीडियोज़ खंगाले पर हमें कहीं भी ये बयान ब्रेकिंग न्यूज़ के फ़ॉर्मेट में नहीं मिला। जिससे ये मालूम पड़ता कि ये सभी स्क्रीनशॉट्स फर्जी हैं और फॉटोशॉप किए गए हैं। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के नाम ये बयान और दावे फर्जी हैं। 

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