बेरोजगारों को हर महीने 3500 रुपये भत्ता देगी सरकार, आग की तरह फैली खबर की सच्चाई क्या है?

राजस्थान. मीडिया में 'बेरोजगार भत्ता योजना' के तहत भारत सरकार द्वारा सभी बेरोजगारों को प्रतिमाह 3500 रु दिए जाने की खबरें चल रही हैं। सरकार के दावों के साथ ये जानकारी काफी समय से वायरल हो रही है। 6 नवंबर को इस खबर को एक ट्विटर अकाउंट पर इसे पोस्ट किया गया और सैकड़ों लोग इसे शेयर करने लगे। यहां तक कि कुछ न्यूज साइट्स ने भी इस पर खबर चला दीं। अब इस खबर से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2019 11:27 AM IST / Updated: Dec 07 2019, 05:01 PM IST

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बेरोजगारों को हर महीने 3500 रुपये भत्ता देगी सरकार, आग की तरह फैली खबर की सच्चाई क्या है?
पोस्ट में क्या है? खबर में दावा किया जा रहा है कि, राजस्थान राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं से किया गया वादा पूरा करने जा रही है। रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत एक लाख ग्रेजुएट बेरोजगार युवाओं को एक मार्च से बढ़ा हुआ बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा की। इसके तहत पुरुष बेरोजगारों को प्रतिमाह 3,000 रुपए तथा महिलाओं व निशक्त बेरोजगारों को प्रतिमाह 3,500 रुपए बेरोजगारी भत्ते के रुप में मिलेंगे।
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दावे की सच्चाई क्या है? अब हम आपको बता दें कि ऊपर दी गई खबर में दी गई जानकारी सही नहीं है। भारत सरकार ने खुद ऐसी कोई योजना की घोषणा नहीं की है। खुद पीआईबी यानि प्रेस इनफॉर्मेंशन ब्यूरो ने इस खबर का खंडन करते हुए इसे अपने अधिकृत ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
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दावे की असलियत क्या है? दरअसल राजस्थान सरकार काफी समय से अक्षत योजना के तहत बेरोजगार भत्ते दे रही है। योजना के तहत पात्र स्नातक बेरोजगार पुरूष आशार्थी को 650 रुपये एवं महिला व विशेष योग्यजन आशार्थियों को 750 रुपये की दर से बेरोजगारी भत्ते का भुगतान किया जाता है। अब बात नई खबर के दावे कि है दरअसल वायरल पोस्ट में ये भत्ता बढ़ाए जाने का दावा किया गया है जैसा कि सरकार ने नहीं किया है।
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निष्कर्ष- हमने भारत सरकार और राजस्थान सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर बेरोजगारी भत्ते से जुड़ी जानकारी सर्च की। जहां बेरोजगारी भत्ते की धनराशि बढ़ाई जाने को लेकर कोई अपडेट नहीं है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी इस बारे में कोई योजना की जानकारी साझा नहीं की है। यहां तक गहलोत ने बेरोजगारी भत्ते की धनराशि बढ़ाने पर किसी यूनिवर्सिटी में कोई बयान नहीं दिया। ऐसे में पुष्टि होती है कि ये फेक न्यूज है। भ्रामक जानकारी के तौर पर इसे शेयर करने से लोगों को बचना चाहिए।
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