2020 खुद को जिंदा बचाने का साल है, नफा-नुकसान मत सोचिए...रतन टाटा के नाम वायरल हुआ मैसेज, जानें सच

मुंबई. लॉकडाउन में काम-धंधा व्यापार सब ठप्प पड़े हैं। लोग घरों में कैद हैं और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। लोगों को अपने काम धंधे की चिंता है। बड़ी-बड़ी कंपनियां डूब रही हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा के नाम एक संदेश वायरल हो रहा है। इस संदेश को देख खुद रतन टाटा भी डर गए। इस संदेश में लिखा है कि 2020 एक ऐसा साल है जिसमें आपको सिर्फ खुद को जीवित बचाने के लिए सोचना है, इसमें लाभ-हानि की चिंता मत करिए। 

 

फैक्ट चेकिंग (Ratan Tata Viral Message Fact Check) में आइए जानते हैं कि क्या वाकई रतन टाटा ने ऐसा कुछ कहा है? 

Asianet News Hindi | Published : May 4, 2020 8:48 AM IST / Updated: May 04 2020, 03:33 PM IST

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2020 खुद को जिंदा बचाने का साल है, नफा-नुकसान मत सोचिए...रतन टाटा के नाम वायरल हुआ मैसेज, जानें सच

डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर लगातार लोग एक्टिव हैं। ऐसे में बीते दो दिन से रतन टाटा के नाम ये मैसेज तेजी से शेय़र किया जा रहा है। इस मैसेज को देखने के बाद टाटा मिनट ने लिखा कि अब उनको डर लगने लगा है। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

इस पेपर कटिंग में लिखा गया है कि टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने व्यावसायिक पेशेवरों को एक संदेश जारी किया है। इस संदेश में उनके हवाले से कहा गया है कि 2020 बस जीवित रहने के लिए है, इसलिए इस साल लाभ और नुकसान के बारे में नहीं सोचें। साथ ही सपने में भी किसी योजना के बारे में बात नहीं करें। इस साल खुद को जीवित रखना ही एक बहुत बड़ा लाभ है।

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क्या दावा किया जा रहा है? 

 

दावा किया जा रहा है कि व्यावसायिक पेशेवरों के लिए रतन टाटा ने लघु संदेश जारी किया है। अखबार में लिखे इस संदेश को देख कोई भी इस पर भरोसा कर सकता है। बहुत से लोगों ने इस संदेश को सोशल मीडिया पर शेयर किया। 

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सच क्या है? 

 

दरअसल रतन टाटा एकबार फिर फेक न्यूज के शिकार हो गए हैं। उन्हें ट्वीट कर इस बारे में सफाई देनी पड़ी है। आज उन्होंने एक न्यूज पेपर कटिंग को ट्वीट किया और कहा कि मुझे अब डर लगने लगा है। ऐसे फेक संदेश से बचना चाहिए।

 

उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा, मैंने इस तरह का कोई भी संदेश नहीं दिया है। उन्‍होंने ऐसे फेक न्‍यूज से बचने को कहा है, साथ ही कहा है कि खबर से पहले उसके सोर्स जरूर जांच लेनी चाहिए।

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इससे पहले भी उनके नाम एक भयानक भविष्यवाणी वायरल हुई थी। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में भी उनके हवाले से प्रकाशित न्यूज में कहा गया गया था कि कोरोना महामारी को लेकर विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इससे अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो जाएगी। लेकिन मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि इन विशेषज्ञों को मानवीय प्रेरणा और जुनून के साथ किए गए प्रयासों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

 

हिंदी के साथ ही इसे अंग्रेजी भाषा में भी वायरल किया गया था। कहीं अखबार की कटिंग के रूप में इसे वायरल किया जा गया तो कहीं मैसेज के तौर पर। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद टाटा को इसकी सच्चाई खुद बतानी पड़ी। 

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क्या दावा किया जा रहा है? दावा किया जा रहा है कि रतन टाटा ने देश के भविष्य में संकट देख किसी अखबार में लेख लिखा है। उन्होंने इस लेख में कुछ ऐसे उदाहरण दिए गए हैं जिन्होंने नामुमकिन को मुमकिन किया है। रतन टाटा के नाम से प्रकाशित इस न्यूज में आगे कहा गया है, 'अगर विशेषज्ञों पर विश्वास करते तो द्वितीय विश्व युद्ध में पूरी तरह बर्बाद हो चुके जापान का कोई भविष्य नहीं होता लेकिन सिर्फ तीन दशक में जापान ने अमेरिका को पानी पिला दिया।
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ये निकला नतीजा-

 

इसका खंडन करते हुए टाटा ने ट्वीट कर कहा था, 'यह न ही मेरे द्वारा कहा गया है और न ही लिखा गया है। मैं आपसे वॉट्सऐप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित मीडिया को सत्यापित करने की अपील करता हूं। अगर मुझे कुछ कहना है तो मैं इसे अपने आधिकारिक चैनल पर कहूंगा. आशा है आप सुरक्षित हैं और ध्यान रखेंगे।
 

दरअसल कई दफा टाटा के नाम फर्जी लेख लिखकर वायरल किए जा चुके हैं। कुछ लोग इंग्लिश और हिंदी वर्जन दोनों फॉटोशॉप करके किसी हस्ती का नाम लिखकर वायरल कर देते हैं। रतन टाटा ने कोरोना के कारण देश में साल 2020 को लेकर ऐसा कोई संदेश नहीं दिया है। उन्होंने खुद इस दावे को खारिज कर दिया।

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