FAKE CHECK: यही था निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाला नाबालिग, जंग लगी रॉड घुसाकर निकाल दी थी आंतें
फेक चेक: 7 साल के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी दे दी गई। 20 मार्च को सुबह साढ़े 5 बजे चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। इस वीभत्स रेप केस के कुल 6 दोषी थे। इनमें एक दोषी ने तो जेल में ही फांसी लगा ली थी। बाकी चार को फांसी दे दी गई। लेकिन इनमें से एक को नाबालिग बता कर रिहा कर दिया गया था। रेप के समय इस नाबालिग की उम्र 17 साल 6 महीने थी। इस कारण उसे सिर्फ 3 साल के बाद ही रिहा कर दिया गया। सोशल मीडिया पर इस नाबालिग की पहचान वायरल हुई। साथ ही बताया गया क्या था इस आरोपी का असली नाम...
16 दिसंबर 2012 को नई दिल्ली में हुए गैंगरेप में कुल 6 आरोपी थी। सभी को पकड़ लिया गया और जेल में डाल दिया गया।
6 आरोपियों में से 1 राम सिंह, जो बस का ड्राइवर था, उसने जेल में ही फांसी लगा कर जान दे दी थी।
इनमें से एक आरोपी की उम्र उस समय 17 साल 6 महीने थी, उसे नाबालिग बताकर तीन साल जेल में रखकर रिहा कर दिया गया।
निर्भया का ये नाबालिग रेपिस्ट कौन था, इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाह उड़ती रही।
ट्विटर और व्हाट्सएप पर इस नाबालिग आरोपी की तस्वीर और उसका असली नाम वायरल हुआ।
ग्रुप्स में इस तस्वीर के साथ लिखा था कि इस नाबालिग आरोपी का नाम मोहम्मद अफरोज था। उसने ही सबसे क्रूर तरीके से निर्भया का रेप किया था।
होटलों में काम करने वाले इस नाबालिग ने ही निर्भया की बॉडी में जंग लगी रॉड घुसाई थी। इस तस्वीर को वायरल करे की अपील की गई। ताकि आगे इस आरोपी को कहीं काम ना दिया जा सके।
जब इस तस्वीर की जांच की गई तो पाया गया कि ये तस्वीर जिसकी है, उसका नाम मोहम्मद अफरोज तो है लेकिन ये वो नाबालिग अपराधी नहीं है।
ट्विटर पर @anehabeti नाम से बने अकाउंट में यही प्रोफाइल फोटो लगाई गई है। साथ ही इसमें लोकेशन यूएई लिखा है।
इसके अकाउंट से मात्र दो ट्वीट किए गए, जिसमें से एक 6 सितंबर 2013 को किया गया था।
इस तरह निर्भया के नाबालिग आरोपी की तस्वीर फेक है, जसी मात्र कुछ लोगों ने यूं ही वायरल कर दिया।