हिंसक विरोध प्रदर्शन में लहूलुहान हुए 'कानून के रखवाले', भयानक है इन वायरल फोटोज की सच्चाई

नई दिल्ली. पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, कुछ राज्यों में हिंसा की सूचना मिली थी। 20 दिसंबर को एक न्यूज वेबसाइट के संस्थापक ने ट्विटर पर खून से लहूलुहान पुलिसवालों की कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि, मैं एनआरसी का समर्थन करता हूं लेकिन ये बर्दाश्त नहीं किया जा सकता कि हमारी रक्षा करने वाले पुलिसवालों के साथ बर्बरता की जाए। तथाकथित शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों ने अहमदाबाद में गुजरात पुलिस के साथ भी ऐसा ही किया था।” इस ट्वीट और फोटो को अब तक लगभग 5 सौ से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया है। फोटो वायरल होने के बाद हमने इसका संज्ञान लिया और फैक्ट चेकिंग की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई.....।

Asianet News Hindi | Published : Dec 21, 2019 6:57 AM IST
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हिंसक विरोध प्रदर्शन में लहूलुहान हुए 'कानून के रखवाले', भयानक है इन वायरल फोटोज की सच्चाई
देश भर में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शनों के बीच ये तस्वीर घायल पुलिसवालों के दावे के साथ वायरल की जा रही है। पंकज नैन ने फोटो ट्वीट कर लिखा कि, उन्होंने लिखा कि ये शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले नहीं हैं, ये हमारी रक्षा करने वाले पुलिसवालों को खून से लथपथ कर देने वाले हिंसक लोग हैं।
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इसी तरह की कई तस्वीरें जिसमें पुलिसवाले बुरी तरह घायल नजर आ रहे हैं। ये फोटोइसी तरह की कई तस्वीरें जिसमें पुलिसवाले बुरी तरह घायल नजर आ रहे हैं। ये फोटोज पोस्ट की गईं। कई लोगों ने सूरजजीत दासगुप्ता द्वारा साझा की गई तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट अलग कैप्शन के साथ शेयर किया। दावा किया गया कि, एनआरसी का विरोध करने वाले हिंसक लोग पुलिसवालों के साथ बर्बरता पर उतर आए हैं। जबकि फैक्ट चेक में वायरल हो रहीं इन फोटोज की सच्चाई कुछ और ही निकली।ज पोस्ट की गईं। कई लोगों ने सूरजजीत दासगुप्ता द्वारा साझा की गई तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट अलग कैप्शन के साथ शेयर किया। दावा किया गया कि, एनआरसी का विरोध करने वाले हिंसक लोग पुलिसवालों के साथ बर्बरता पर उतर आए हैं। जबकि फैक्ट चेक में वायरल हो रहीं इन फोटोज की सच्चाई कुछ और ही निकली।
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घायल पुलिसवालों की जो तस्वीरें सीएए के विरोध प्रदर्शन के दावे के साथ वायरल की जा रही हैं उनमें से एक फोटो पिछले साल की है। इनमें जिस पुलिसवाले के सिर पर चोट लगी है और खून वह रहा है वो तस्वीर 19 दिसंबर 2019 को गुजरात में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान की है। इसमें कई लोगों सहित पुलिवाले भी घायल हुए थे। हालांकि एक तस्वीर जिसमें कई घायल पुलिसवाले जमीन पर बैठे है उसे फैक्ट चेकिंग में गलत पाया गया है। गूगल रिवर्स सर्च इमेज में अधिकतर तस्वीरें इसी प्रोटेस्ट की पाई गई हैं लेकिन कुछ फोटोज दिल्ली पुलिसकर्मी की भी हैं।
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दरअसल वायरल हो रही ये तस्वीरें कुछ सही भी हैं तो कुछ गलत भी। हालांकि वायरल सदरअसल वायरल हो रही ये तस्वीरें कुछ सही भी हैं तो कुछ गलत भी। हालांकि वायरल सभी तस्वीरें अहमदाबाद में पुलिसवालों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प की हैं जो सही हैं। पर इसके साथ दूसरी फेक तस्वीरों को भी संशोधित नागरिकता कानून के प्रोटेस्ट से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। अतः भ्रमित न हों। भी तस्वीरें अहमदाबाद में पुलिसवालों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प की हैं जो सही हैं। पर इसके साथ दूसरी फेक तस्वीरों को भी संशोधित नागरिकता कानून के प्रोटेस्ट से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। अतः भ्रमित न हों।
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