क्या जोधपुर के उम्मेद पैलेस में है रोशनी से जगमगाती ये इमारत? फैक्ट चेक में जानिए पूरा सच

फैक्ट चेक डेस्क. सोशल मीडिया पर जलती-बुझती रोशनी से जगमगाती एक इमारत की फोटो खूब शेयर हो रही है। इमारत पर थिरकती रोशनी की किरणें अतरंगी आकृतियां बना रही हैं जिन्हें देखने के लिए मजमा जुटा हुआ है। इसे प्रोजेक्शन मैपिंग कहते हैं। इस वीडियो को जोधपुर के मशहूर उम्मेद पैलेस का बताया जा रहा है। दावे के मुताबिक, इस लाइटनिंग को देखने का किराया 3000 रुपये है। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर इस वायरल वीडियो का सच क्या है?

Asianet News Hindi | Published : Dec 31, 2020 9:59 AM IST

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क्या जोधपुर के उम्मेद पैलेस में है रोशनी से जगमगाती ये इमारत? फैक्ट चेक में जानिए पूरा सच

इस भवन में प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की शादी हुई है। अब रणवीर आलिया भी सगाई के लिए जोधपुर पहुंचे। इस खबरों की गर्मागर्मी के बीच सोशल मीडिया पर उम्मेद भवन को लेकर माहौल बनाया जा रहा है। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

फेसुबक पेज के इस पोस्ट में प्रोजेक्शन मैपिंग का एक वीडियो शेयर किया गया है। इसके साथ कैप्शन लिखा गया है, ‘यह जोधपुर का उमेद पैलेस किला है इसकी लाइटिंग देखिए लगेगा जैसे गुंबद गिर रहा है इसे देखने का किराया ₹3000’।

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फैक्ट चेक

 

वीडियो की सच्चाई जानने हमने सबसे पहले इसके कीफ्रेम्स निकाले। इन कीफ्रेम्स पर गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल का इस्तेमाल करने पर हमें कई परिणाम मिले। हमें ये वीडियो अलग-अलग यूट्यूब चैनलों पर मिला। ये यूट्यूब चैनल इस वीडियो को इस्तांबुल के किसी गलाटा टावर पर हुए लाइट शो का वीडियो बता रहे हैं। एक चैनल पर इस वीडियो को जून 2018 में पोस्ट किया गया है और एक पर अक्टूबर 2018 में। ये दोनों वीडियो क्रमशः नीचे देखे जा सकते हैं।

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हमें ‘इस्तांबुल मेट्रोपॉलिटन म्यूनिसिपैलिटी’ का 2 मई 2018 का एक ट्वीट भी मिला जिसमें वायरल वीडियो को शेयर किया गया है। इस ट्वीट के साथ तुर्की भाषा में कैप्शन लिखा हुआ है जिसका हिंदी तर्जुमा है, ‘इस्तांबुल यूथ फेस्टिवल’ के प्रचार के लिए गलाटा टावर को रंगीन रोशनियां से रंग दिया गया।
 

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पड़ताल में ये साबित हो चुका था कि वायरल वीडियो इस्तांबुल में हुए प्रोजेक्शन मैपिंग शो का है। वायरल वीडियो में जिस तरह का टावर है, वैसी कोई संरचना उम्मेद पैलेस जोधपुर में नहीं है। यहां इस तरह का कोई लाइट शो होता भी नहीं है। कोविड के असर से टूरिस्ट भी कम संख्या में आ रहे हैं। 1943 में बना उमैद भवन 26 एकड़ में फैला दुनिया का सबसे बड़ा आवासीय परिसर है। इसके एक हिस्से में मारवाड़ के पूर्व महाराजा गजसिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। वहीं, एक हिस्से में ताज समूह होटल उमैद पैलेस संचालित करता है। 

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ये निकला नतीजा  

 

वायरल वीडियो उम्मेद भवन जोधपुर में हुए किसी लाइट शो का नहीं, बल्कि इस्तांबुल के गलाटा टावर पर हुए प्रोजेक्शन मैपिंग शो का है। इस वीडियो को लेकर गलत दावा वायरल किया जा रहा है।

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