सड़क पर कोरोना का मरीज; लोगों को असली कहानी पता नहीं, मगर धड़ाधड़ शेयर कर रहे वीडियो

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बहाने सोशल मीडिया में फर्जी कहानियों की बाढ़ सी आ गई है। कई वीडियो और फोटो को अलग-अलग दावों के साथ साझा किया जा रहा है। इनमें से कुछ वीडियो और तस्वीरें तो ऐसी हैं जिन्हें देखकर कोई कह भी नहीं सकता कि ये फर्जी हैं या इन्हें लेकर किया जा रहा दावा गलत है। 
Asianet News Hindi | Published : Apr 16, 2020 5:22 AM IST
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सड़क पर कोरोना का मरीज; लोगों को असली कहानी पता नहीं, मगर धड़ाधड़ शेयर कर रहे वीडियो
हम जिस वीडियो की बात कर रहे हैं वो भी कुछ ऐसा है। स्वाभाविक है कि इसे देखकर सही मान लिया जाए। ये वीडियो सड़क पर कोरोना का मरीज पकड़े जाने का है। कुछ मीडिया ग्रुप्स ने भी इस कहानी को गलत दावे के साथ साझा किया है। 
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वीडियो को लेकर क्या दावा है?
वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि सड़क पर हेल्थ वर्कर्स और पुलिस की टीम ने कोरोना के मरीज को पकड़ा। कई ऑनलाइन न्यूज प्लेटफॉर्म जैसे श्री न्यूज नेटवर्क, जेके न्यूज ने इसे साझा किया। श्री न्यूज ने लिखा, “जब भारत में सड़क पर मिला Corona का मरीज तो देखिए पुलिस और डॉक्टरों ने क्या किया!” 2 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है। (आर्काइव किया हुआ पोस्ट)
 
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वीडियो की सच्चाई क्या है?
दरअसल, वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो मॉकड्रिल का है जिसमें पुलिस और हेल्थ टीम सड़क पर कोरोना के मरीज को पकड़ने का अभ्यास कर रही है। ये मॉकड्रिल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में हुई थी। 

गूगल पर मॉकड्रिल से जुड़ी कुछ लोकल रिपोर्ट्स भी हैं। इसके मुताबिक, बाराबंकी में पुलिस और हेल्थ वर्कर्स ने तैयारियों को परखने के लिए मॉकड्रिल की थी। मॉकड्रिल में डीएम डॉक्टर आदर्श सिंह और जिले के एसपी समेत कई बड़े अफसर भी शामिल थे। 
 
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मॉकड्रिल में कुवैत से लखनऊ आए एक व्यक्ति को बाराबंकी की सड़क पर गाड़ी से उतारकर पहले उसका टेम्परेचर देखा गया। बाद में उसे कोरोना सस्पेक्ट मानते हुए अस्पताल ले जाया गया
 
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निष्कर्ष क्या है?
मॉकड्रिल के वीडियो को असली बता कर शेयर किया जा रहा। वीडियो के साथ ये दावा पूरी तरह से फर्जी है।
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