FACT CHECK: लॉकडाउन में छतों पर नमाज पढ़ते दिखें मुस्लिम, तस्वीर से मचा बवाल लेकिन सच कुछ और

नई दिल्ली. कोरोनावायरस से बचने के लिए बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को भी फॉलो करवाया जा रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई है, जिसमें मुस्लिम एकसाथ नमाज करते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग तस्वीर को शेयर कर सोशल डिस्टेंशिग की धज्जियां उड़ाने के सवाल उठा रहे हैं।

 फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर ये मामला कहां है और इसमें कितनी सच्चाई है? 
Asianet News Hindi | Published : Apr 15, 2020 1:52 PM IST / Updated: Apr 15 2020, 08:10 PM IST
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FACT CHECK: लॉकडाउन में छतों पर नमाज पढ़ते दिखें मुस्लिम, तस्वीर से मचा बवाल लेकिन सच कुछ और
इस फोटो को शेयर करते हुए यूजर्स लिख रहे हैं कि, 'इनके बारे में क्या मोदीजी। वे आपके अनुरोध, अपील की कम से कम फिक्र करते हैं। क्या वे कानून का सामना करेंगे, क्योंकि वे स्वेच्छा से कानून को नहीं मानते।' फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने भी इस फोटो को शेयर करते हुए पूछा कि, कोई आइडिया, कहां की फोटो है। 
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वायरल पोस्ट क्या है? 

फ़िल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने यह तस्वीर ट्वीट करके पूछा है “कुछ पता है ये कहां है? #Quarantine” यह अभी तक 5000 से ज़्यादा बार रिट्वीट हो चुका है। 
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क्या दावा किया जा रहा है? 

फ़ेसबुक पेज ‘हुक्का और खाट’ ने इस मेसेज के साथ फोटो पोस्ट किया है, “यह मजहब से वफादारी हो सकती है परंतु क्या यह वतन से गद्दारी नहीं?” यह पोस्ट 400 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है। इस मेसेज में लोकेशन की जानकारी नहीं दी गई है। इसके माध्यम से भारत के मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
 
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सच्चाई क्या है? 

गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल के ज़रिये ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि शेयर हो रही यह तस्वीर सऊदी अरब और कुवैत की है। हमें इन देशों के लोगों द्वारा किये गए कई ट्वीट्स मिले। पड़ताल में पता चला कि वायरल फोटो भारत नहीं बल्कि कुवैत की है। रिवर्स इमेज सर्चिंग में हमें अरबी वेबसाइट HowiyaPress का आर्टिकल मिला, जिसमें इसी फोटो को प्रकाशित किया गया था। यह आर्टिकल 13 अप्रैल 2020 को प्रकाशित किया गया था। 
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रिपोर्ट के मुताबिक, यह फोटो कुवैत के जेलेब अल-शुयुक नामक शहर में क्लिक किया गया था। Khalejia News ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए दिखाया था कि, किस तरह कुवैत के अल-शुयुक नामक शहर में मुस्लिम छतों पर नमाज कर रहे थे। अरब न्यूज में 9 अप्रैल को प्रकाशित आर्टिकल के मुताबिक, कोरोनावायरस के चलते अल-शुयुक नामक शहर को दो हफ्तों के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है। कुवैत की इस फोटो को भारत का बताकर गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। 
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इससे पहले भी सोशल मीडिया पर बहुत से फोटोज और वीडियोज वायरल हुए हैं जिनके द्वारा एक विशेष समुदाय पर निशाना साधा जा रहा है। बीते दिनों बर्तन चाटते मुस्लिम लड़कों का भी वीडियो वायरल हुआ था उसके साथ दावा किया गया कि ये सभी कोरोना फैला रहे हैं, बर्तन चाटकर हिंदुओं को खाना परोसते हैं जबकि वीडियो बोहरा समुदाय का था और दो साल पुराना वीडियो था। ये खबर फेक थी। 
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सोशल मीडिया पर पांच सौ के नोट चाटकर थूक से कोरोना फैलाने का एक वीडियो सामने आया। ये वायरल वीडियो असली था और पुलिस ने आरोपी को महाराष्ट्र में गिरफ्तार किया था। 
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तब्लीगी जमात वाले मामले के बाद सोशल मीडिया पर यही वीडियो सामने आया था। इसके साथ दावा किया गया कि तब्लीगी जमात के एक शख्स ने पुलिस पर थूक दिया। हालांकि वीडियो पुराना था और मुंबई में थाणे का था। पुलिस जेल में बंद कैदी को ले जा रही थी उसके परिवारों वालों का लाया खाना खाने की परमिशन नहीं दी तो गुस्साए कैदी ने एक हवलदार पर थूक दिया था।

इस घटना को कोरोना और तब्लीगी जमात से जोड़कर वायरल किया गया था। ये सभी वीडियो और फोटोज फर्जी दावे के साथ शेयर किए गए थे। अफवाहों के बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकारों अब फेक न्यूज को लेकर सख्त हो गई हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ी फर्जी खबरों से सचेत रहें। 
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