पवित्र कुरान का किया था अपमान, अल्लाह ने दी ऐसी सजा; वायरल है ये फोटो

नई दिल्ली. पवित्र कुरान को जलाने से जुड़ी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है। दो फोटो के जरिए कहा जा रहा है कि एक शख्स ने पवित्र कुरआन-ए-शरीफ जलाने की कोशिश की और अल्लाह ने खुद उसे सजा दी। वायरल पोस्ट में मैसेज के साथ जो तस्वीरें हैं उसमें एक शख्स नजर आ रहा है। उसके दोनों हाथ भी जले हुए दिख रहे हैं। कई लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया है। हनिया खान नाम की एक फेसबुक यूजर ने वीडियो के साथ ये पोस्ट शेयर की है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 2, 2019 11:37 AM IST / Updated: Dec 02 2019, 06:31 PM IST
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पवित्र कुरान का किया था अपमान, अल्लाह ने दी ऐसी सजा; वायरल है ये फोटो
कुछ दिनों पहले कुरआन-ए-शरीफ के अपमान की घटना सामने आई थी। अब कुरान का अपमान करने वाले कथित व्यक्ति की खराब हालत की तस्वीर वायरल हो रहा है। धर्मिक रूप से भावुक लोग इस मैसेज को धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं।
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पोस्ट के वायरल होने के बाद ये हमारी नजरों में आई। हमने तस्वीर को जांचा। दोनों तस्वीरों को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च में चेक करने पर पता चला कि दोनों अलग-अलग अलग-अलग मामलों की तस्वीरें हैं।
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रिवर्स इमेज सर्च में दोनों फोटो (जो वायरल हैं) इस तरह की किसी खबर से जुड़ी नहीं पाई गईं। ये दो अलग मामलों की फोटोज हैं। पहली तस्वीर रूसी सर्च इंजन यैंडेक्स से जुड़ी एक खबर की है जो नॉर्वे (एसआईएन) समूह के नेता लार्स थोरसेन के इस्लामीकरण को रोकने के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान की है। विरोध प्रदर्शन में एक थोरसेन ने पुलिस के आदेश के बावजूद पवित्र किताब को जला दिया था। रैली को स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें वह बढ़ते इस्लामोफोबिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे इसमें कुरआन-ए-शरीफ को जलाने की भी योजना थी, लेकिन पुलिस ने कुरआन-ए-शरीफ को अपवित्र करने के खिलाफ इन लोगों को चेतावनी दी थी। सियान ग्रुप ने फिर कुरआन-ए-शरीफ की दो प्रतियां रैली के दौरान कूड़ेदान में फेंक दी जबकि थोरसेन ने एक किताब को आग लगा दी। रसियन टुडे के मुताबिक 19 नवंबर, 2019 को इस हरकत को गैर-जिम्मेदार बताते हुए कानूनी कार्रवाई की बात कही थी।
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अब बात करते हैं वायरल पोस्ट में दी गई दूसरी तस्वीर की। इसमें एक शख्स अस्पताल में बेड पर दिखाया गया है उसके दोनों हाथ जले हुए जैसे हैं। इस फोटो के साथ दावा किया गया कि इस शख्स के हाथ कुरआन-ए-शरीफ जलाने के कारण जले हैं लेकिन नहीं ये गलत दावा है। हम आपको बता दें कि ये अमेरिका के ओरेगन का निवासी पॉल गेलॉर्ड है, जो बुबोनिक प्लेग से बीमारी से पीड़ित था। डॉक्टरों ने एक ऑपरेशन में गेलॉर्ड की उंगलियों से काली परत को हटाया था। बीमारी के कारण उनकी चमड़ी काली पड़ गई थी। सेंट चार्ल्स मेडिकल सेंटर मेंये ऑपरेशन सोमवार को ढाई घंटे तक चला था। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये खबर यूके के डेली मेल में 19 सितंबर 2012 को प्रकाशित हुई थी। सक्सेजफुल ऑपरेशन के बाद साल 2014 में गेलॉर्ड ने एक आर्टिकल लिखकर अपनी बीमारी और ठीक होने की बात साझा की थी। इसका मतलब यही है कि ये जले हुए हाथ नहीं थे बल्कि बीमारी के कारण चमड़ी का रंग धीरे-धीरे काला पड़ गया था। इसी तस्वीरों को वायरल पोस्ट में गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है।
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काफी छानबीन के बाद दोनों तस्वीरों से मिली जानकारी के बाद यही निष्कर्ष निकलता है कि प्लेग से पीड़ित एक रोगी की पुरानी फोटो को सोशल मीडिया पर झूठे दावे से साझा किया जा रहा है। फोटो को लेकर जो दावा किया जा रहा है वो बिलकुल भी सच नहीं है।
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