उज्जैन. आकाश मंडल का सबसे रहस्यमयी ग्रह शनि की चाल में लगातार परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों यानी 29 अप्रैल को ये ग्रह राशि बदलकर मकर से कुंभ राशि में आया है और 5 जून को ये वक्री होने जा रहा है। वक्री रहते हुए ये ग्रह कुछ दिनों बाद मकर राशि में पुन: प्रवेश करेगा और साल भर तक इसी राशि में रहेगा। शनि का वक्री होना कुछ लोगों के लिए शुभ रहेगा और कुछ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि मकर और कुंभ दोनों ही शनि की राशियां हैं यानी इन राशियों में रहते हुए शनि अपने ही घर में रहता है, ये कहना गलत नहीं होगा। इस समय शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण मीन राशि पर है। वहीं कुंभ पर दूसरा और मकर में तीसरा चरण है। शनि के वक्री होना का सबसे ज्यादा निगेटिव असर किन राशियों पर होगा, आगे जानिए…