8 प्वाइंट मेंः निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...
- 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर सोमवार शाम 4 बजे घटना को अंजाम दिया।
- निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। बता दें, मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है।
- फरीदाबाद पुलिस की 10 टीम ने 5 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद नहीं किया था। वह लगातार कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसलिइए पुलिस के राडार से वो बच नहीं पाया।
- बता दें, तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका है।
- 3 अगस्त 2018 को तौसीफ ने 3-4 सहेलियों के साथ निकिता को जबरदस्ती कार में बैठाया था। कुछ दूरी पर सहेलियों को उतारकर निकिता को किडनैप कर ले गया था। सहेलियों और परिजनो ने पुलिस को निकिता के अपहरण की जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने 2 घंटे में उसे बरामद कर लिया था।
- पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया, घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।
- बता दें, तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं।
- निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी।