दरअसल, प्रदीप सोनीपत जिले के तेवड़ी गांव के रहने वाले हैं, उनके पिता सुखबीर खेती करते हैं। प्रदीप का कहना है कि मेरी इस सफलता के पीछे पिता का ही हाथ है। क्योंकि मैं अब तक यूपीएससी के चार अटेंप्ट कर चुका हूं, लेकिन सफलता नहीं मिली, तो उदास होकर यूपीएससी क्लियर का विचार छोड़ दिया। फिर पिता ने मुझको समझाया और मोटिवेट करते हुए कहा-बेटा इस तरह निराश नहीं होते हैं, तुम्हारी यह मेहनत बेकार नहीं जाएगी। हो सकता है कि किस्मत और कुछ देना चाह रही हो। आज देखो वही बेटे ने पूरे देश में टॉप करके अपने प्रदेश का नाम रोशन कर दिया।