ऐसा होता है कुछ करने का जुनून: पढ़ाई के लिए छोड़ दी अपने भाई की शादी, आज यह बेटी बन गई IAS अफसर

पानीपत. UPSC Result 2020: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। देश की सबसे टॉप परीक्षा में हरियाणा की बेटी मधुमिता ने 86वां रैंक हासिल किया है। लेकिन इस सफलता के पीछे मधुमिता ने जो त्याग और मेहनत की है उसको कोई नहीं भुला सकता है। पढ़ाई के प्रति उसका जुनून इस कदर था कि वह अपने भाई की शादी में भी नहीं जा सकी। आज जब परिणाण आया तो वह खुशी से झूम उठी और कहा-आज मेरी सारी मेहनत सफल हो गई। आइए जानते उसके संघर्ष के बारे में..

Asianet News Hindi | Published : Aug 4, 2020 11:53 AM IST
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ऐसा होता है कुछ करने का जुनून: पढ़ाई के लिए छोड़ दी अपने भाई की शादी, आज यह बेटी बन गई IAS अफसर

दरअसल, मधुमिता हरियाणा के समालखा की रहने वाली है। बधाई देने वालों का तांता लग रहा है, हर कोई उसकी मेहनत और जज्बे को सलाम कर उसके साथ सेल्फी ले रहा है। बता दें कि मधुमिता पिछले तीन साल से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी, वह तीसरी बार  इंटरव्यू तक पहुंची थी, मीडिया से बातचीत के दौरान उसने बताया कि पहले दो अटेंप्ट में सेल्फ स्टडी की थी। हो सकता इसलिए वह एग्जाम क्लियर नहीं कर पाई हो। फिर मैं तैयारी के लिए दिल्ली गई, जहां टेस्ट क्लास में हर 15 दिन के अंदर सिलेबस दिया जाता था। फिर टेस्ट होता था। इसके लिए वह रोज 10 घंटे पढ़ाई करती थी।
 

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मधुमिता अपनी इस कामयाबी के पीछे अपने माता पिता को मानती है। उसका कहना है कि मेरे घरवालों की सोच अच्छी थी तभी, उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि जब तक छौरी की नौकरी नहीं लागेगी, तब तक शादी-ब्याह की कोई बात नहीं करेगा। घरवालों ने इस बारे में अपने रिश्तेदारों में क्लियर कर दिया था कि हमारी बेटी आप चिंता मत करो। मधुमिता के पिता महावीर सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड में ऑक्शन रिकॉर्डर हैं और मां दर्शना देवी गृहिणी हैं। उसके दो भाई सतेंद्र और राघवेंद्र हैं। 

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बता दें कि मधुमिता ने स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई अंग्रेजी मीडियम से की है। बीबीए के पास करने के बाद मधु ने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से एमए किया। इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गई। जहां पहला अटेंप्ट 2017 में दिया था, जिसमें सिर्फ मेन्य एग्जॉम क्लियर हुआ था। दूसरा अटेंप्ट 2018 में किया था, जिसमें सिर्फ प्री एग्जाम ही क्लियर हुआ था। फिर तीसरा अटेंप्ट 2019 में दिया, जहां उसको सफलात मिल गई और देश में उसका 86वां रैंक आया है।
 

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 मधुमिता के घरवालों का कहना है कि वह बचपन से ही पढ़ने में तेज थी। 10वीं समालखा के महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल में वो टॉपर थी। इसके बाद 2012 में 12वीं की तो उसका दूसरा स्थान आया। फिर बीबीए में यूनिवर्सिटी में उसकी पहली पोजिशन थी। इसके बाद इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया है, जहां उसका परिणाम 72 प्रतिशत रहा।

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