जिस लेडी कॉप के टेरर के आगे 'चोर-उचक्के' पानी भरते थे, Women's Day पर खुद मुंह छुपाकर निकली
पानीपत, हरियाणा. अपराध कैसा भी हो-छोटा या बड़ा...किसी न किसी दिन उसका पर्दाफाश हो ही जाता है। ऐसा ही इस लेडी ASI के मामले में हुआ। हनीट्रैप के बहुचर्चित केस में फंसी इस ASI को आखिरकार अपने ही विभाग के आगे क्रिमिनल की तरह मुंह छुपाकर पेश होना पड़ा। बता दें कि पानीपत में हनीट्रैप का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसमें इस ASI योगेश कुमारी की भूमिका के भी सबूत मिले हैं। मामला उजागर होने के बाद यह ASI गायब हो गई थी। हालांकि रविवार रात उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इस मामले में पुलिस मुख्य आरोपी महिला को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है। इस महिला ने योगेश कुमारी की मदद से एक कारोबारी पर फर्जी गैंग रेप का केस दर्ज कराया था। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह महिला इसी तरह 19 फर्जी FIR दर्ज करा चुकी है। अब सारे मामलों की नये सिरे से जांच-पड़ताल की जा रही है। हनीट्रैप के इस गठजोड़ का भांडा पानीपत के एक स्क्रैप कारोबारी सहित तीन लोगों से 50 लाख रुपए की वसूली की कोशिश के बाद हुआ। मुख्य आरोपी महिला को शक था कि ASI ने कारोबारियों से सीधे डील कर रही है। उसे बेवकूफ बनाया जा रहा है। इससे महिला को गुस्सा आ गया। यह महिला कारोबारी के खिलाफ उसी थाने में गैंग रेप का केस दर्ज करा चुकी थी, जिसमें ASI पदस्थ थी। चूंकि उस वक्त तक महिला पीड़िता थी, लिहाजा उसने एसपी को शिकायत भेज दी कि ASI उसके मामले को दबा रही हैं। हालांकि उसे अंदाजा नहीं था कि ASI को सबक सिखाने के चक्कर में उसका षड्यंत्र भी सामने आ जाएगा। इस मामले में एसपी ने SIT का गठन किया था। जांच में महिला और ASI की सांठगांठ का खुलासा हो गया।
महिला ने गुस्से में आकर हनीट्रैप में उसकी भागीदार ASI के खिलाफ एसपी से शिकायत करते हुए कहा था कि वो आरोपियों(स्क्रैप कारोबारी और अन्य दो लोग) को बचा रही है। बताते हैं कि महिला ने तीनों को अपने घर पर बुलाकर अश्लील वीडियो बना लिया था। फिर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। व्यापारी ने डरके मारे 22 फरवरी को 25 हजार रुपए दे दिए। लेकिन बाकी पैसे न मिलने पर महिला ने चांदनीबाग थाने में तीनों के खिलाफ गैंग रेप का केस दर्ज करा दिया था। यह साजिश यहीं पदस्थ ASI योगेश कुमारी ने रची थी। योगेश कुमारी इसी थाने में पदस्थ थी। उसने ही यह सारा खेल रचा था।
महिला और ASI के बीच सौदेबाजी को लेकर ऐसा झगड़ा हुआ कि खुद के जाल में फंस गईं। महिला को लगा कि ASI ने आरोपियों से सीधे डीलिंग करके 12 लाख रुपए वसूल लिए हैं। खुद को ठगा महसूस होने पर उसे गुस्सा आ गया और SP से शिकायत कर दी। इसी बीच स्क्रैप कारोबारी ने भी एसपी से ब्लैकमेलिंग की शिकायत कर दी थी। एसपी ने मामले की सच्चाई सामने लाने SIT का गठन कर दिया। 6 दिन की जांच के बाद एसपी ने कारोबारी के ऊपर से गैंग रेप की धारा हटाकर महिला और ASI को आरोपी बना दिया। 5 मार्च को महिला को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया। फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इसकी भनक लगते ही ASI फरार हो गई थी। लेकिन रविवार रात उसने सरेंडर कर दिया।
हुआ यूं कि कारोबारी 5 लाख रुपए देकर महिला से अपना पीछा छुड़ाना चाहता था। ASI 10 लाख पर अड़ी रही, जबकि महिला 50 लाख रुपए से एक रुपये कम लेने को राजी नहीं थी। जब महिला को पैसे नहीं मिले, तो उसे ASI पर शक हुआ। इसके बाद उसने एसपी से शिकायत कर दी कि उसके साथ गैंग रेप करने वाले आरोपियों को बचाने में ASI मदद कर रही है।
कारोबारी लोकेश जैन इतने पैसे देने की स्थिति में नहीं था। आखिरकार उसने हिम्मत जुटाई और एसपी से शिकायत कर दी। महिला को लगा था कि वो ASI को कारोबारी से रिश्वत में पकड़वा देगी। लेकिन मामला पलट गया। डीएसपी पूजा डाबला के नेतृत्व में इसकी जांच के लिए SIT का गठन किया गया था। इसके बाद सारा मामला सामने आ गया। 40 वर्षीय महिला चांदनी बाग थाना क्षेत्र में रहती है। जांच में सामने आया है कि वो पिछले 6 महीने से चांदनी बाग थाने की एसआई योगेश कुमारी के संपर्क में थी।
अप्रैल, 2018 में भी पानीपत में इसी तरह का मामला सामने आया था। पुलिस ने कारोबारियों, डॉक्टरों और ठेकेदारों को हनी ट्रैप में फंसाकर मोटी रकम वसूलने वाले एक गिरोह को पकड़ा था। आरोपियों में शामिल एक महिला झांसा देकर फिजिकल रिलेशन बनाती थी, जबकि उसकी साथी दो वकील महिलाएं फोटो खींचकर ब्लैकमेलिंग शुरू करती थीं। बिजली विभाग के एक लाइनमैन को ब्लैकमेल करने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था।
देश में सबसे कुख्यात हनीट्रैप का मामला पिछले साल मध्य प्रदेश में सामने आया था। इस मामले में 5 महिलाओं सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस हनीट्रैप का शिकार मंत्री से लेकर तमाम आला अफसर बने थे। यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।