वात या पित से प्रभावित लोगों को आयुर्वेदिक काढ़े का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है और इससे उनके शरीर को और नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में उन्हें गर्म की जगह ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन करें। इसके साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं को भी काढ़े का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि गर्म तासीर की वजह से कई बार मिसकैरेज होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
इसके अलावा जो लोग खून पतला करने की दवा लेते हैं उन्हें भी काढ़े का सेवन अपने डॉक्टर से पूछ कर ही करना चाहिए, क्योंकि कई बार ज्यादा काढ़ा पीने से उन्हें इंटरनल ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है।