Yuvraj Singh Birthday: क्या होता है फेफड़ों के बीच का कैंसर, कैसे इस जानलेवा बीमारी को युवराज सिंह ने दी मात

हेल्थ डेस्क : भारतीय क्रिकेट टीम में सिक्सर किंग (sixer king) के नाम से मशहूर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) 12 दिसंबर को अपना 40वां जन्मदिन (birthday) मना रहे हैं। ये युवराज सिंह के लिए दूसरा जन्म ही है, क्योंकि 2011 में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बाद उन्हें लगा की वो दोबारा कभी वापस नहीं आ पाएंगे, लेकिन अपनी विल पावर और इच्छाशक्ति से उन्होंने कैंसर (cancer) जैसी बीमारी को मात दी और इस इससे पीड़ित लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनें। आइए आपको बताते हैं, युवराज सिंह को कौन सा कैंसर था और कैसे उन्होंने इस पर विजय हासिल की...

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2021 5:41 AM IST

18
Yuvraj Singh Birthday: क्या होता है फेफड़ों के बीच का कैंसर, कैसे इस जानलेवा बीमारी को युवराज सिंह ने दी मात

युवराज सिंह के फेफड़े में नहीं बल्कि उनके फेफड़ों के बीच कैंसर हुआ था। ये कैंसर दुनिया में केवल 1 परसेंट लोगों में पाया जाता है। इस स्थिति को मीडियास्टिनल सेमिनोमा (Mediastinal Seminoma) कहते हैं, जो काफी रेयर होता है।

28

मीडियास्टिनल सीने में दो फेफड़ों के बीच होता है, जिसमें एक कैविटी होती है और यह फेफड़ों को छोड़कर सीने के सभी अंगों को घेर लेता है मीडियास्टिनल में मौजूद अंगों में हार्ट, धमनी, थाइमस ग्रंथि, श्वास नली, लिम्फ नोड्स और महत्वपूर्ण तंत्रिकाएं शामिल होती है। इस तरह की कैविटी को सेमिनोमा कहा जाता है। जब शरीर के इस हिस्से में ट्यूमर होता है तो इसे मीडियास्टिनल सेमिनोमा कहा जाता है।

38

मीडियास्टिनल सेमिनोमा के लक्षणों में सीने में दर्द होना, बहुत ज्यादा बलगम वाली खांसी होना, सांस लेने में दिक्कत होना और कई स्थिति में मुंह से खून की उल्टियां होना भी शामिल होता है।

48

मीडियास्टिनल सेमिनोमा का एकमात्र इलाज कीमोथेरेपी है। डॉक्टर्स का मानना है कि इससे 100 परसेंट कैंसर को ठीक किया जा सकता है। हालांकि, इसके इलाज की प्रोसेस कैंसर की स्टेज और मीडियास्टिनल सेमिनोमा के ट्यूमर के साइज पर भी निर्भर करता है जब ट्यूमर छोटा होता है तो रेडियो बायोप्सी के जरिए इसे ऑपरेट करके निकाला जा सकता है। लेकिन जब यह बड़ा हो जाता है तो उसके लिए रेडिएशन थेरेपी या फिर कीमो थेरेपी ट्रीटमेंट दिया जाता है। कीमो थेरेपी में दवाओं के जरिए शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है, जिससे ट्यूमर सिकुड़ जाता है और बॉडी के अन्य भागों में नहीं फैलता है।

58

सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह को 2011 की शुरुआत से कैंसर के गंभीर लक्षण दिखने शुरू हो गए थे। जिसमें सांस फूलना, मुंह से खून आना और स्टेमिना में कमी होना शामिल था। लेकिन, वह नहीं चाहते थे, कि वो वर्ल्ड कप से बाहर हों, क्योंकि पूरे भारत को उनसे उम्मीदें थी। ऐसे में उन्होंने हार नहीं मानी और 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप में बॉल और बैट दोनों से धमाल मचाया और मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब हासिल किया।

68

युवराज सिंह जब कैंसर का पता चला तो वह अमेरिका में इलाज करवाने के लिए गए। वह कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरिपी के आखिरी दौर में वह बस ये प्रार्थना करते थे कि, ‘हे ईश्वर मुझे जल्द इससे मुक्ति दें’। एक इंटरव्यू के दौरान युवराज सिंह ने बताया था कि जब कोई उन्हें देख या सुन नहीं रहा होता था, तो वह किसी बच्चे की तरह रोते थे।

78

मीडियास्टिनल सेमिनोमा कैंसर युवराज सिंह को कई सारी शारीरिक और मानसिक समस्याओं से लड़ना पड़ा। लेकिन, युवराज सिंह ने 1 साल में ना केवल कैंसर जैसी बीमारी को मात दी, बल्कि उन्होंने मैदान में धमाकेदार वापसी की। युवी ने 2019 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन हाल ही में उन्होंने अपनी वापसी के संकेत दिए है।

88

कैंसर से जंग जीतने के बाद युवराज सिंह ने 2012 में यू वी कैन संस्था शुरू की थी। ये संस्था संस्था लोगों को कैंसर से लड़ने और उसके बारे में जागरूकता फैलाने का काम करती है। उनकी इस संस्था की तारीफ खुद प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं।

ये भी पढ़ें- Yuvraj Singh Birthday: गोवा, मुंबई, चंडीगढ़ समेत इन शहरों में है सिक्सर किंग का आलीशान घर, देखें Photos
 

Health Tips: कोई कहता छुआछूत की बीमारी, तो कहता है कोढ़, जानें शरीर पर क्यों पड़ जाते है सफेद रंग के चित्ते

Read more Photos on
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos