राशिद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां चाहती थीं कि वे डॉक्टर बने। क्योंकि उनके परिवार में कोई डॉक्टर नहीं था। राशिद को इंग्लिश बोलने का शौक था। इसलिए उन्होंने 10वीं के बाद इंग्लिश की ट्यूशन ली। इसके कुछ दिनों बाद वे खुद इंग्लिश पढ़ाने लगे। हालांकि, जब वे क्रिकेट में आए तो उन्होंने ये छोड़ दिया।