पिता मजदूर तो मां बेचती है मुर्गियां...गरीबी से लड़कर IPL में आया ये खिलाड़ी, पैसे कमा सबसे पहले बनाया घर

Published : Oct 02, 2020, 04:04 PM ISTUpdated : Oct 02, 2020, 04:06 PM IST

स्पोर्ट डेस्क: आईपीएल 2020 में इस बार नए और युवा खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहे हैं। ऐसे ही अपनी खूबसूरत यॉर्कर की वजह से क्रिकेट में अपनी खास पहचान बनाने वाले टी नटराजन (T Natarajan) भी काफी चर्चा में हैं। उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स (DC) के खिलाफ सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) की जीत में उन्होंने अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने 14वें और 18वें ओवर में कई यॉर्कर करके बल्लेबाजों को परेशानी में रखा। आज नटराजन जो मैदान में अपना जलवा बिखेर रहे हैं उसके पीछे उनका और उनके परिवार का कड़ा संघर्ष रहा है। एक पिछड़े गांव से आने वाले नटराजन को मां ने सड़क किनारे मुर्गियां बेच-बेचकर यहां तक पहुंचाया है। उनके पिता भी मजदूर हैं। बदले में नटराजन ने भी अपने परिवार का कर्ज चुकाया-    आइए जानते हैं कैसे गरीबी से लड़कर आज ये युवा खिलाड़ी IPL में सबके छक्के छुड़ा रहा है- 

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पिता मजदूर तो मां बेचती है मुर्गियां...गरीबी से लड़कर IPL में आया ये खिलाड़ी, पैसे कमा सबसे पहले बनाया घर

नटराजन की डेथ ओवर्स के एक्सपर्ट गेंदबाज के रूप में पहचान मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यॉर्कर से लगातार बेस्ट बल्लेबाजों को आउट किया। इसके बाद वे चर्चा में आ गए। ब्रेट ली, सहवाग समेत कई दिग्गज खिलाड़ियों ने उनकी तारीफ की।

 

 

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नटराजन के पिता दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे। उनकी मां गांव में ही घर चलाने चिकन बेचती हैं। बेटे को खिलाड़ी बनाने के लिए परिवार ने दोगुना संघर्ष किया है। जब बेटा कमाकर नहीं दे सकता था तब मां चिकन बेचकर उसे पैसों की मदद करती थी। 
 

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लेकिन इस खिलाड़ी ने पैसा कमाने के बाद सबसे यह सुनिश्चित किया कि उनके माता पिता का आगे कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े और उनकी बहनों को उचित शिक्षा मिले।

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नटराजन ने IPL में हुई अपनी नीलामी के पैसे से अपने परिवार के लिए वो सब कुछ किया जो वह कर सकते थे। हालांकि वह अपनी मां को सड़क के किनारे चिकन बेचना छोड़ने से नहीं मना पाए। वो आज भी ये काम करती हैं। 

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नटराजन के मेंटॉर जयप्रकाश बताते हैं कि,  इस तेज गेंदबाज की मां को लगता है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तब उनके इस काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी। पर अब स्तिथि बदल गईं हैं और आज नटराजन ने अपना परिवार, गांव का नक्शा बदल दिया है। 

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उन्होंने सबसे पहले माता-पिता के लिए बढ़िया सा घर बनाया। बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की। उन्होंने बहनों को पढ़ाने के लिए सबसे पहले उनके सही कॉलेज-स्कूल में एडमिशन करवाए। उनकी शिक्षा के के काम को पूरी जिम्मेदारी से निभाया। 

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 इतना ही नहीं नटराजन ने गांव में खेलने वाले क्रिकेटर्स के लिए एकेडमी भी खोल दी।  उन्होंने तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया। यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया।

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नटराजन को पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में तीन करोड़ रुपये में खरीदा था लेकिन वह अपने खेल से प्रभावित नहीं कर पाये थे। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस सत्र में जाकर अपना पहला मैच खेलने का मिला था। 

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पत्नी के साथ टी नटराजन

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नटराजन की डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज के रूप में पहचान वर्तमान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यार्कर से लगातार सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट किया है। 

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