धनबाद (झारखंड). दिहाड़ी करके दो वक्त की रोटी कमाने वाले इन मजदूरों की घर वापसी दर्द और पीड़ा से भरी हुई है। जब परिवार का पेट भरने के लिए जेब में एक रुपया नहीं बचा तो यह मजूबर होकर यह सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर के लिए चल पड़े। ऐसी एक तस्वीर झारखंड से सामने आई है, जहां एक महिला चिलचिलाती धूप में अपने कंधों पर दो बच्चों लेकर पैदल चली जा रही थी।