जोधपुर, राजस्थान. 11वीं पास इस इस किसान ने अपना खुद का एक वर्कशॉप बनाया हुआ है। इसमें देसी तकनीक से खेती-किसानी से जुड़ीं मशीनें तैयार करते हैं। ये मशीनें किसानों के लिए इतनी लाभदायक साबित हो रही हैं कि इनकी डिमांड देश के अलग-अलग राज्यों के अलावा दूसरे देशों से भी आने लगी है। यह हैं जोधपुर जिले के मथानिया में वर्कशॉप चलाने वाले अरविंद सांखला। बताते हैं कि ये इनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े अरविंद बताते हैं कि 1991 में उन्होंने 11वीं पास की थी। वे आगे पढ़ना चाहते थे, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि मां-बाप उन्हें पढ़ा सकें। लिहाजा पढ़ाई छोड़कर खेतों में काम करने लगे। 1993 में एक घटना हुई, जिसने अरविंद साखला की किस्मत बदल दी। उनके खेत के कुएं की मोटर खराब हो गई। इसके बाद उन्होंने बोरिंग कराई। लेकिन आमतौर पर जब मोटर खराब होती है, तो उसे रस्सी से ऊपर खींचना और वापस अंदर रखना पड़ता है। इसमें समय और मेहनत दोनों काफी लगती है। इससे फसल को समय पर पानी नहीं मिलने से भी नुकसान होता है। यही देखकर उन्होंने देसी जुगाड़ से एक मशीन बनाई। यह मशीन मोटर को ऊपर लाने और नीचे ले जाने में कुछ मिनट का समय लेती है। साखला की यह मशीन लोगों को पसंद आई और इसकी खूब बिक्री हुई। आगे जानिए और क्या-क्या किए आविष्कार...