रघुवर दास को जमीन पर लाने वाले सरयू राय पहले भी दो मुख्यमंत्रियों को पहुंचा चुके हैं जेल

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिसमें सरयू राय (Saryu Roy) ने राज्य के मुख्यमंत्री को करारी सिकश्त दी है। वह राज्य में बीजेपी के नेता रहे हैं लेकिन पार्टी से टिकट न मिलने के कारण उन्होंने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसेक बाद उन्होंने रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्वी सीट पर ही हरा दिया। बहरहाल सरयू राय को बीजेपी का दिग्गज नेता माना जाता है। ये वहीं नेता है जिन्होंने रघुवर सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रहते हुए दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेल का रास्ता दिखाया था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2019 1:23 PM IST / Updated: Dec 23 2019, 11:37 PM IST
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रघुवर दास को जमीन पर लाने वाले सरयू राय पहले भी दो मुख्यमंत्रियों को पहुंचा चुके हैं जेल
रघुवर सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रहे सरयू राय ने पार्टी के सामने टिकिट के लिए गिड़गिड़ाने से इनकार कर दिया था। झारखंड विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों के नाम घोषित होने के समय चौथी लिस्ट तक बीजेपी ने 81 में से 72 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी लेकिन सरयू राय का नाम कहीं भी नहीं था।
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तब सरयू राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गुस्सा जाहिर किया था। उन्होंने कहा- 'ये मेरे लिए ठीक नहीं होगा कि मैं एक टिकट के लिए पार्टी लीडरशिप के सामने गिड़गिड़ाऊं, इसलिए मैंने उनसे कह दिया है कि मेरे नाम पर विचार करने की जरूरत ही नहीं है।'
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सरयू राय के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेल का रास्ता दिखाया। बिहार में लालू राज के दौरान चारा घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने और उसे उजागर करने में सरयू राय की बड़ी भूमिका थी। इसके अलावा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उठाने में सरयू राय का बड़ा हाथ था। वहीं वे एक आक्रामक नेता भी कहे जाते हैं जो खुद को राणा प्रताप का खून कहते हुए किसी के सामने झुकने की बात से इनकार करते हैं।
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झारखंड चुनावों में रघुवर दास के साथ सरयू राय के संबंधों में खटास की खबरें जमकर सामने आईं। ये रस्साकशी लंबे समय से चल रही है। अब जबकि चुनावी नतीजे आ चुके हैं, सरयू राय ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है।
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सरयू राय ने चुनाव के समय कहा था कि, 'हमारे कार्यकर्ता काफी खुश हैं, कौन मुस्कुराएगा कौन गमगीन होगा, यह समय तय करता है, अब मैं किसी घर में जाने वाला नहीं हूं। मेरी कोई महत्वकांक्षा नहीं है, मैं तटस्थ रहूंगा, राज्य में जो भी सरकार बनेगी वह जनहित में होगी, तो मैं समर्थन करूंगा, मगर एक बात बता दूं, बीजेपी में वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है।'
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