कोरोना ने बिगाड़ दिया इस अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कपल की शादी का प्लान, ऐसे शुरू करनी पड़ी 'नई जिंदगी'

Published : Jul 01, 2020, 09:32 AM ISTUpdated : Jul 01, 2020, 10:06 AM IST

रांची, झारखंड. यह हैं दुल्हन दीपिका कुमारी और दूल्हा अतनु दास। दोनों ही अंतरराष्ट्रीयस्तर के तीरंदाज हैं। मंगलवार रात इन्होंने एक-दूसरे को वरमाला पहना दी। इनकी प्रेम कहानी और शादी दोनों बड़ी दिलचस्प हैं। इनकी सगाई 2018 में हुई थी। ये 2019 में शादी करने वाले थे। लेकिन पारिवारिक दिक्कतों से शादी टालना पड़ी। फिर सोचा कि ओलंपिक के बाद 7 फेरे लेंगे। लेकिन कोरोना ने सब पर ब्रेक लगा दिया। प्रैक्टिस बंद थी। लिहाजा अभी शादी कर ली। पहले धूमधाम से शादी का प्लान था। लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के चलते दूल्हा सिर्फ 8 लोगों की बारात लेकर दुल्हन को ब्याहने आया। वैसे इस शादी में तमाम सेलिब्रिटीज आने की उम्मीद थी, लेकिन सिर्फ चंद मेहमान ही बुलाए गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रांची के सांसद संजय सेठ, रांची की मेयर आशा लकड़ा, पद्मश्री अशोक भगत आदि विशेषतौर पर पहुंचे।

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कोरोना ने बिगाड़ दिया इस अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कपल की शादी का प्लान, ऐसे शुरू करनी पड़ी 'नई जिंदगी'

यह शादी मोरहाबादी स्थित वृंदावन बैंक्वेट हॉल में हुई। नव दम्पती को आशीर्वाद देने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विशेष तौर पर पहुंचे। शादी समारोह में मास्क की व्यवस्था की गई थी। वहीं, एक बॉक्स रखा गया था, जिसमें लोग गिफ्ट डाल सकें। दोनों की मुलाकात एक वर्ल्डकप के दौरान हुई थी। दोनों के नैनों के तीर इस कदर निशाने पर बैठे कि दिलों के आर-पार हो गए। प्यार का यह रिश्ता अब 7 फेरों में बंध गया। 
 

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 दीपिका के पिता आज भी ऑटो चलाते हैं। लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के सपने का पूरा करने कोई कसर नहीं छोड़ी। चूकिं शादी कोरोनाकाल में हो हुई, लिहाजा गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। दूल्हे अतनु ने कहा कि उन्होंने नहीं सोचा था कि उनकी शादी इस तरह होगी। लेकिन कोरोना के कारण साधारण तरीके से शादी करनी पड़ी।

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अतनु ने बताया कि वे 2019 में शादी करने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों से टालनी पड़ी। अतनु सिर्फ 8 बराती लेकर पहुंचे थे। दीपिका और अतनु की सगाई दिसंबर, 2018 में दीपिका के पैतृक गांव रातू चट्टी में हुई थी। दीपिका के पिता शिवनारायण प्रजापति उर्फ छोटन और मां गीता ने बताया कि अतनु मूलरूप से कोलकाता के रहने वाले हैं।
 

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अतनु और दीपिका पहचान 12 साल पहले खेल के दौरान हुई थी। दोनों वर्ल्ड कप में शामिल होने गए थे। तभी एक-दूसरे को दिल दे बैठे। दीपिका के अनुसार अतनु बेहद मिलनसार हैं। यही वजह रही कि वो एक-दूसरे के करीब आ गए।

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दीपिका को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पद्मश्री दिया था। बताते हैं कि जब दीपिका ने खेलों में भाग लेने शुरू किया, तब उनके पास कहीं आने-जाने तक के लिए पैसे नहीं थे। पहली बार जब वे किसी कॉम्पिटीशन में शामिल होने जा रही थीं, तब पिता से 10 रुपए लिए थे।

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अतनु ने 2008 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। इनकी मुलाकात कोलंबिया के मेडलिन में आयोजित वर्ल्ड कप के दौरान हुई थी। यहां दोनों ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसी मैच के बाद अतनु ने दीपिका का प्रपोज किया था। हालांकि तब दीपिका ने मना कर दिया था।

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दीपिका के पिता शिवनारायण आज भी ऑटो चलाते हैं। भले उनकी बेटी ने खेलों में बेहतर प्रदर्शन करके खूब मेडल जीत लिए हों, नाम और पैसा अर्जित कर लिया हो।

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अतनु ने 14 साल की उम्र में तीरंदाजी शुरू की थी। इनका जन्म 5 अप्रैल, 1992 को कोलकाता में हुआ था। दीपिका कहती हैं कि अक्टूबर, 2018 में उन्होंने शादी का फैसला किया था।

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दीपिका ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में एकल और टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसके बाद 2011, 2012 में एकल स्पर्धा में और विश्व कप के 2013 संस्करण में रजत पदक हासिल किया था।

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