झारखंड के गुमला की यह तस्वीर मजबूरी और गरीबी दोनों को दिखाती है। बिशुनपुर प्रखंड के जालिम गांव की इस 70 वर्षीय तेतरी उरांइन को वृद्धा पेंशन के लिए उसके परिजन 15 किलोमीटर ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्ते से बिशुनपुर कॉपरेटिव बैंक लाए। फिर इसी तरह वापस भी ले गए। लॉकडाउन के कारण उन्हें कोई साधन हीं मिला। दूसरा, मामूली पेंशन के लिए प्राइवेट वाहन करना मुमकिन नहीं था। जितनी पेंशन है, उससे ज्यादा गाड़ी का किराया लग जाता।