धन, संतान सुख सहित सारे वैभव देता है पुरुषोत्तम मास
अधिक मास उस श्रेष्ठ समय में गिना गया है, जब हम भगवान के निकट जाने के प्रयासों में तेजी ला सकते हैं, स्वाध्याय और स्वभावगत परिवर्तनों से अपनेआप को परमशक्ति के पास ले जा सकते हैं। पुराण कहते हैं....
येनाहमर्चितो भक्त्या मासेस्मिन् पुरुषोत्तमे।
धनपुत्रसुखं भुकत्वा पश्चाद् गोलोकवासभाक्।।
अर्थात- पुरुषोत्तम मास में नियम से रहकर भगवान की विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तिपूर्वक उन भगवान की पूजा करने वाला यहां धन, पुत्र आदि के सुख भोगकर मृत्यु के बाद भगवान के दिव्य गोलोक में निवास करता है।