उज्जैन. 18 अक्टूबर, सोमवार को देवगुरु बृहस्पति मकर राशि में वक्री से मार्गी हो जाएगा। मकर गुरु की नीच राशि है। मकर राशि में स्वामी शनि भी स्थित है। गुरु-शनि की ये जोड़ी 20 नवंबर तक बनी रहेगी। इसके बाद गुरु मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गुरु ग्रह की स्थिति भारत के लिए शुभ रहेगी। स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार देश की राशि कर्क है। गुरु के मार्गी हो जाने से भय की स्थिति खत्म होगी। जानिए राशि अनुसार किस राशि पर क्या असर होगा…