देश के कई मंदिरों में छिपा है अरबों का खजाना, विजयनगर के 2500 टन सोने की तलाश आज भी जारी

उज्जैन. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन की बागडोर त्रावणकोर राजपरिवार के हाथ में सौंपी है। राज परिवार ने तय किया है कि पद्मनाभस्वामी मंदिर का 7वां तहखाना नहीं खोला जाएगा। यानी इस तहखाने में कितने रहस्य हैं, ये सब राज ही रह जाएगा। करीब एक लाख करोड़ की संपत्ति वाला पद्मनाभस्वामी मंदिर अकेला नहीं है, जो अपने खजाने के लिए चर्चा में है, दक्षिण में कई ऐसे मंदिर और स्थान हैं, जो अपने खजाने के लिए हमेशा चर्चा में रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 19, 2020 2:01 AM IST
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देश के कई मंदिरों में छिपा है अरबों का खजाना, विजयनगर के 2500 टन सोने की तलाश आज भी जारी

1. यहां हो सकता है विजयनगर साम्राज्य का खजाना
सबसे ज्यादा खोज विजयनगर साम्राज्य के खजाने की है, जो कर्नाटक के हम्पी से लेकर तेलंगाना के हैदराबाद तक के जंगलों में खोजा जा रहा है। किवदंतियां हैं कि विदेशी आक्रमणकारियों से बचने के लिए राजा कृष्णदेवराय ने अपना खजाना कहीं छिपा दिया था, जो लगभग 2500 टन सोने का है। हैदराबाद के पास श्रीशैलम् पहाड़ियों पर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है। माना जाता है कि यहां विजयनगर साम्राज्य का खजाना है, जो लगभग 2500 टन सोने में है। यहां की नेल्लामाला पर्वत श्रंखला में भी कई ट्रेजर हंटर्स सक्रिय है। 2018 में यहां जंगलों में 2 से 3 ट्रेजर हंटर मारे गए थे। 

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2. हम्पी में कई पुरातत्व साइट्स को नुकसान
हम्पी में अक्सर ट्रेजर हंटर्स मंदिरों के आसपास रात के समय खुदाई करने आते हैं। हम्पी का ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। बेल्लारी से हम्पी तक 4100 हेक्टेयर की भूमि पर 1600 से ज्यादा पुरातात्विक महत्व के स्मारक हैं। इन्हीं स्मारकों में कहीं विजयनगर का खजाना भी छिपा होने की मान्यता है।
 

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3. आंध्र के मूकांबिका मंदिर में भी खजाना
मूंकाबिंका देवी मंदिर, ये मंदिर उन चार मंदिरों में से एक है जिनकी स्थापना भगवान परशुराम के हाथों की गई मानी जाती है। आंध्र प्रदेश के ही कोलूर में मूकांबिका देवी मंदिर है। मान्यता है कि यहां दक्षिण भारत के राजाओं ने काफी खजाना रहस्यमयी जगहों पर छिपाया था। जिसकी रक्षा आज भी नाग करते हैं। खजाने की संभावना यहां इसलिए भी ज्यादा रहती है क्योंकि यहां देवी का सिंहासन ही लगभग 90 किलो सोने का बना है। 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की ज्वेलरी माता की प्रतिमा पर है। और, करीब 30 करोड़ की लागत के हीरे-जवाहरात भी यहां मौजूद हैं। मान्यता है कि बाहरी आक्रमणकारियों से बचने के लिए यहां राजाओं ने गुप्त तहखानों में खजाना रखा था।

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4. कृष्णा नदी के किनारे कोहिनूर की खदान
गोलकुंड की कृष्णा नदी का किनारा जहां आज भी हीरों की खोज जारी है। माना जाता है यहां कोहिनूर जैसे कई हीरे आज भी मौजूद हैं। दुनिया के 10 सबसे नायाब हीरों में से 7 यहीं के माने जाते हैं।
 

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5. तेलंगाना के भुवनगिरी का खजाना
तेलंगाना का जिला है भुवनगिरी। जहां ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का यदाद्री मंदिर भी है। पहाड़ी पर ये मंदिर है। इसकी तलहटी के कई इलाकों में भुवनगिरी का खजाना होने के दावे किए जाते रहे हैं। कुछ महीनों पहले ही यहां खेतों में खजाने की खोज करते कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिनके पास से एक प्राचीन हनुमान प्रतिमा और कुछ अन्य पुरातात्विक महत्व की चीजें मिली थीं। यहां भी हजारों करोड़ रुपए की कीमत का खजाना कहीं दबा होने की मान्यता है।
 

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6. कुन्नूर में टीपू सुल्तान के खजाने की खोज
केरल के कुन्नूर जिले के जंगलों के बारे में कहा जाता है कि यहां टीपू सुल्तान का खजाना छिपा हुआ है। अपने आखिरी दिनों की लड़ाई में खजाने को सुरक्षित रखने के लिए कहीं जंगलों में छिपाया गया था। पिछले दस साल में यहां शहर के बाहर की कॉलोनियों के आसपास जंगलों में कई गैंग सक्रिय है जो आरवांचल-पयन्नूर हाईवे पर जंगलों में इस खजाने की खोज कर रहे हैं।
 

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