उज्जैन. 14 सितंबर को गुरु ग्रह वक्री अवस्था में धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में ये ग्रह 18 अक्टूबर तक रहेगा। इसके बाद गुरु ग्रह 20 नवंबर की रात धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में गोचर करते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। मकर राशि में पहले से ही शनि स्थित है। गुरु और शनि के एक ही राशि में होने से नीच भंग योग बनेगा, जिसके परिणाम स्वरूप गुरु के अति अशुभ प्रभाव में कमी आएगी। गुरु के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। जानिए किस राशि पर इसका कैसा प्रभाव पड़ेगा