उज्जैन. बुध देव को ज्योतिष में बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक ग्रह कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध देव के शुभ होने पर व्यक्ति का जीवन खुशियों से भर जाता है। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं। इस समय बुध वक्री अवस्था में हैं यानी बुध उल्टी चाल चल रहे हैं। बुध 2 अक्टूबर को वक्री अवस्था में ही कन्या राशि में प्रवेश चुके हैं, ये ग्रह 19 अक्टूबर को पुन: मार्गी हो जाएगा। आगे जानिए कौन-सी हैं वो राशियां…