इन 5 राशियों पर है साढ़ेसाती और ढय्या का प्रभाव, शनिश्चरी अमावस्या पर इस विधि से करें शनिदेव की पूजा

उज्जैन. इस बार 13 मार्च, शनिवार को फाल्गुन मास की अमावस्या है। इस दिन शनिवार होने से ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी। ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में इस समय शनि की साढेसाती या ढय्या का प्रभाव है, वे यदि इस दिन शनिदेव को पूजा विधि-विधान से करें तो उनकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 12, 2021 3:23 AM IST / Updated: Mar 12 2021, 05:08 PM IST
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इन 5 राशियों पर है साढ़ेसाती और ढय्या का प्रभाव, शनिश्चरी अमावस्या पर इस विधि से करें शनिदेव की पूजा

इन राशियों पर है है शनि की साढेसाती और ढय्या
वर्तमान में शनि मकर राशि में है। इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि का साढ़ेसाती का प्रभाव है। वहीं मिथुन और तुला राशि ढय्या से पीड़ित है। इनके अलावा जिन लोगों की कुंडली में शनि प्रतिकूल स्थान पर बैठा हो, वे भी शनिश्चरी अमावस्या का फायदा उठाकर शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

 

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ऐसे करें शनिदेव की पूजा
- शनिश्चरी अमावस्या की सुबह स्नान आदि करने के बाद घर के किसी साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
 

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- शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही काली उड़द की खिचड़ी का भोग भी लगाएं।
 

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- इसके बाद काली तुलसी की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें।
 

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- फिर तिल के तेल से 1 चौमुखा दीपक जलाएं और उससे शनिदेव की आरती करें।
 

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- इसके बाद घर के हर कोने में आरती घुमाएं। इस तरह घर की नेगेटिविटी भी खत्म हो जाएगी।
 

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- अंत में हाथ जोड़कर शनिदेव से परेशानियां दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
 

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- अगर घर में ये पूजा न कर पाएं तो किसी मंदिर में भी कर सकते हैं।
 

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