Kerala Election: देश के लिए कुछ करना चाहते थे, इसलिए ठुकराए बड़े-बड़े आफर, लोग मानते हैं 'गॉडफादर'

केरल के पलक्कड़ से भाजपा ने मेट्रोमैन ई श्रीधरन को चुनाव मैदान में उतारा है। मेट्रोमैन का नाम केरल के मुख्यमंत्री के लिए भी चला है। हालांकि भाजपा अभी इस संबंध में यही कह रही है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि अगर केरल में भाजपा की सरकार बनती है, तो मुख्यमंत्री कौन होगा। पेशे से इंजीनियर ई श्रीधरन कोलकाता से दिल्ली तक मेट्रो ट्रेन के जनक माने जाते हैं। इसी वजह से उन्हें सम्मानपूर्वक मेट्रोमैन कहा जाता है। ई श्रीधरन को भारत की पहली मेट्रो रेल परियोजना 'कोलकाता मेट्रो' की नींव रखने का श्रेय जाता है। यह बात 1970 की है। हालांकि 1975 में उन्हें इस परियोजना से अलग कर दिया गया था। श्री धरन की कार्यशैली बेहद सख्त रही है। लेकिन एक टीवी शो पर पॉजिटिव मामले में कुछ विदेशी सलाहकारों ने उन्हें 'गॉडफादर' भी कहा था। क्योंकि वे अपने कर्मचारियों की हर समस्या में उनका साथ देते रहे। आइए जानते हैं मेट्रोमैन की कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Mar 15, 2021 6:29 AM IST

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Kerala Election: देश के लिए कुछ करना चाहते थे, इसलिए ठुकराए बड़े-बड़े आफर, लोग मानते हैं 'गॉडफादर'

12 जून, 1932 को केरल के पलक्कड़ के पत्ताम्बी में जन्मे ई श्रीधरन की शुरुआती शिक्षा पलक्कड़ के बेसल इवैंजेलिकल मिशन हायर सेकंडरी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने पालघाट के विक्टोरिया कॉलेज में एडमिशन लिया। ई श्रीधरन ने आंध्रप्रदेश के काकीनाडा स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
 

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ई. श्रीधरन ने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद कुछ समय तक कोझीकोड के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक में टीचिंग भी की। 1953 में वे भारतीय लोकसेवा आयोग के एग्जाम इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस में बैठे और सफल रहे।

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श्री धरन कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो के निर्माण के जनक माने जाते हैं। कोंकण रेलवे से जुड़ा उनका एक किस्सा है। जब श्री धरन दक्षिण रेलवे में पोस्टेड थे, तब एक भयंकर चक्रवाती तूफान आया था। इसने पम्बबन ब्रिज को डैमेज कर दिया था। इसी ब्रिज से रामेश्वरम(तमिलनाडु) जुड़ा है। रेलवे ने इसकी मरम्मत के लिए 3 महीने का समय निर्धारित किया था। लेकिन श्री धरन ने उसे महज 45 दिन में पूरा कर दिया था।

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श्री धरन को जुलाई 1987 में प्रमोशन देकर पश्चिम रेलवे में जनरल मैनेजर बनाया गया था। जुलाई 1989 में उन्हें रेलवे बोर्ड का सदस्य बनाया गया। श्रीधरन की उपलब्धियों में समुद्र तट के साथ-साथ ट्रेन कनेक्टिविटी भी शामिल हैं। इसमें केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र तक 179 बड़े पुल और 190 सुरंगें शामिल हैं।

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एक बार मीडिया पर्सन से बातचीत में श्री धरन ने बताया था कि जब उन्होंने सरकारी जॉब शुरू की, तब उनकी सैलरी 38000 रुपए थी। अगर वे चाहते, तो किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करके 50-60 गुना अधिक कमा सकते थे। लेकिन उन्हें देश के लिए काम करना था। श्री धरन को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

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ई धरन ने पिछले दिनों भाजपा की विधिवत सदस्यता ग्रहण की थी। केरल की 140 विधानसभा सीटों के लिए सिर्फ एक चरण यानी 6 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे सभी पांच राज्यों के साथ 2 मई को आएंगे।

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