मथुरा
मथुरा कृष्ण की जन्मभूमि है। मथुरा में एक तूफानी रात में देवकी ने एक कारागार में कृष्ण को जन्म दिया था, इसलिए हर साल यहां सबसे भव्य कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। यहां उत्सव दो भागों में होते हैं - झूलनोत्सव और घाट। झूलनोत्सव वह प्रथा है जिसमें लोग कृष्ण की मूर्तियों के लिए अपने घरों में झूले लगाते हैं। कृष्ण की मूर्तियों को दूध, दही, शहद और यहां तक कि घी से भी सुबह-सुबह स्नान कराया जाता है और मूर्ति को नए कपड़ों और गहनों से सजाया जाता है। दूसरी ओर घाटों की प्रथा में शहर के सभी मंदिरों को एक ही रंग से सजाया जाता है। कृष्ण के जन्म के समय सभी मंदिरों में पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के अवसर पर पूरा मथुरा सज जाता है और पारंपरिक शंख, मंदिर की घंटियों और प्रार्थना भजनों की ध्वनि से गूंज उठता है। बांके बिहारी, द्वारकाधीश, कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और इस्कॉन मंदिर यहां के प्रसिद्ध स्थल हैं।