लाइफस्टाइल डेस्क: जल्द ही होली का त्योहार आने वाला है। रंगों के इस त्योहार की तैयारियां शुरू हो चुकी है। बाजार रंग-अबीर से सज चुके हैं। मिठाई की दुकानें होली स्पेशल डिशेज से भर गई है। कपड़ों की दुकानें भी सजने लगी हैं। होली पर आपने देखा होगा कि ज्यादातर लोग हलके रंग के कपड़े ही पहनते हैं। इसमें सफ़ेद रंग के कपड़ों की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर होली पर सफ़ेद रंग के ही कपड़े क्यों पहने जाते हैं?
रंगों का त्योहार होली आने ही वाला है। इस त्योहार पर सफ़ेद कपड़े पहने जाते हैं। जहां महिलाएं सफ़ेद साड़ी या सफ़ेद सलवार सूट के साथ लाल दुपट्टा लेती हैं वहीं पुरुष ज्यादातर सफ़ेद कुर्ता-पायजामा पहनते हैं।
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सफ़ेद कपड़े पहनने के पीछे की ख़ास वजह है। दरअसल, सफ़ेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है। होली के दिन लोग पुराने गीले-शिकवे भूलकर दोस्ती कर लेते हैं। ऐसे में माना जाता है कि सफ़ेद रंग पहनना दोस्ती बढ़ाने में मदद करता है।
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होली का त्योहार दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंग खेला जाता है। सफ़ेद रंग के कपड़ों पर कलर्स उभरकर दिखते हैं। इस वजह से भी होली में लोग सफ़ेद कपड़े पहनना पसंद करते हैं।
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इस होली अगर आपको भी ट्रेंडी बनना है तो आप चिकन के सफ़ेद कपड़ों को लाल रंग के साथ पेयर कर सकते हैं। ये आरामदायक और ट्रेंडी लगता है। महिलाएं चाहें तो सिफॉन की सफ़ेद और रेड बॉर्डर की साड़ी पहन सकती हैं।
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28 मार्च 2021 को होलिका दहन का समय शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक है। इस दौरान होलिका जलाने पर सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। अगले दिन रंग खेला जाएगा।