Guru Purab 2022: भारत के ये गुरुद्वारे हैं सबसे फेमस, विदेशों से भी मत्था टेकने आते हैं लोग

Published : Nov 08, 2022, 10:43 AM IST

लाइफस्टाइल डेस्क : कार्तिक मास की पूर्णिमा को सिख समुदाय के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी (Guru Nanak jayanti 2022) का प्रकाश पर्व मनाया जाता है। आज 8 नवंबर को गुरु नानक जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। कहा जाता है कि 1469 में इसी दिन गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इस दिन दुनिया भर के सभी गुरुद्वारों में कीर्तन, गुरवाणी और लंगर का आयोजन किया जाता है। भारत में भी कई ऐसे मशहूर गुरुद्वारे हैं, जहां पर माथा टेकने के लिए सिर्फ भारतीय नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। आज हम आपको भारत के लिए पांच गुरुद्वारे (famous Gurudwara in India) के बारे में बताते हैं जो वर्ल्ड फेमस है...

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Guru Purab 2022: भारत के ये गुरुद्वारे हैं सबसे फेमस, विदेशों से भी मत्था टेकने आते हैं लोग

हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा 
पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर को गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब भी कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे मशहूर गुरुद्वारे में से एक है। गुरु अर्जन ने 1855 में इसकी आधारशिला रखी थी और 1604 में आदि ग्रंथ रखा गया था। गुरुद्वारा को संरक्षित रखने के लिए, महाराजा रणजीत सिंह ने 19वीं शताब्दी में मंदिर की ऊपरी मंजिलों को सोने की चादरों से ढक दिया था।

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गुरुद्वारा बंगला साहिब 
यह गुरुद्वारा दिल्ली का दिल है। जो भी दिल्ली जाता है. वो इस गुरुद्वारे में मत्था जरूर टेकता है। कहा जाता है कि इस स्थान पर रहने वाले आठवें गुरु हर कृष्ण के सम्मान में इस गुरुद्वारे का 17वीं और 18वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। 
 

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तख्त श्री दमदमा साहिब
दमदमा गुरुद्वारा भारत यह एक बहुत प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण गुरुद्वारा है। कहा जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह ने पंजाब के इस गुरुद्वारे में श्री ग्रंथ साहिब का बीर लिखा था। साथ ही, यह वह स्थान है जहां गुरुजी ने सिंहों की आस्था की परीक्षा ली थी।

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गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब
भारत उत्तराखंड में स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह गुरुद्वारा 4000 मीटर की ऊंचाई पर है और एक तारे के आकार में बना है। हालांकि, सर्दियों के मौसम में मंदिर बंद रहता है, क्योंकि यहां बहुत बर्फ पड़ती है। 

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तख्त सचखंड श्री हजूर अचलनगर साहिब 
महाराष्ट्र में स्थित तख्त सचखंड श्री हजूर अचलनगर साहिब गुरुद्वारा भारत के सबसे खूबसूरत गुरुद्वारों में से एक है। यह 1832 में महाराजा रणजीत सिंह ने 10 वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की याद में बनाया गया था, क्योंकि उन्होंने इस स्थान पर अपनी अंतिम सांस ली थी।

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