दरअसल, जब उन्हें इंजीनियरिंग करने के बाद एमबीए के लिए जमशेदपुर के जेवियर्स कॉलेज से ऑफर मिला, तो उन्हें जमशेदपुर जाकर पढ़ना था, जहां ट्रेन से जाने में करीब 48 घंटों का वक्त लगता है। ऐसे में उनके पिता ने उन्हें वहां जाने से मना कर दिया। लेकिन लीना ने अपने पिता को मनाया और जमशेदपुर से अपना एमबीए पूरा किया। यहीं से वह हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड से 1992 में जुड़ी थीं और उन्होंने 3 दशक तक काम किया।