इस नाटक में अंग्रेज सिपाही बना छात्र भगत सिंह बनने की प्रैक्टिस करते वक्त गलती से फांसी पर झूला

Published : Feb 06, 2020, 11:53 AM ISTUpdated : Feb 06, 2020, 11:57 AM IST

मंदसौर, मध्य प्रदेश. भगत सिंह के किरदार को जीवंत बनाने के चक्कर में 12 साल के एक बच्चे की गले में फंदा कस जाने से मौत हो गई। प्रियांशु मालवीय एक फरवरी को स्कूल में शहीद भगत सिंह और सुखदेव के जीवन पर हुए नाटक में अंग्रेज सिपाही बना था। वो भगत सिंह के रोल से इतना प्रभावित हुआ कि घर आकर भगत सिंह बनकर एक्टिंग करने लगा। इस दौरान गलती से गले में फांसी का फंदा लग गया। इससे उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार प्रियांशु भोलिया गांव में रहता था। उसकी लाश खेत में बने टपरे में लटकते मिली। मृतक बड़वन स्थित ज्ञान सागर स्कूल का छात्र था। स्कूल में नाटक खेलने के अगले दिन प्रियाशु अपने खेत पर गया। वहां वो भगत सिंह का रोल करते हुए फांसी पर लटकने की प्रैक्टिस करने लगा। लेकिन गलती से उसके गले में फंदा कस गया। जब तक घरवालों की उस पर नजर पड़ती..उसकी मौत हो चुकी थी।

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इस नाटक में अंग्रेज सिपाही बना छात्र भगत सिंह बनने की प्रैक्टिस करते वक्त गलती से फांसी पर झूला
घटनास्थल से पुलिस को प्रियांशु का मोबाइल मिला। उसमें स्कूल में खेले गए नाटक का वीडियो मिला। आशंका है कि वीडियो देख-देखकर प्रियांशु रिहर्सल कर रहा था।
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पुलिस को घटनास्थल पर बल्ली पर रस्सी टंगी मिली। पास ही खटिया पड़ी थी। आशंका है कि प्रियांशु खटिया पर खड़े होकर फांसी लगाने की प्रैक्टिस कर रहा था। अचानक संतुलन बिगड़ जाने से खटिया पलट गई।
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कुछ देर बाद खेत पर काम कर रहे प्रियांशु के चाचा भारत लाल टपरे में पहुंचे, तो प्रियांशु को फांसी पर लटके पाया। उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी।
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स्कूल के प्रिंसिपल अरुण जैन ने बताया कि प्रियांशु स्कूल कम आता था। उसके पिता के कहने पर ही उन्होंने नाटक में उसे अंग्रेज सिपाही का रोल दिया था। हालांकि नाटक में फांसी वाला कोई सीन नहीं था। प्रियांशु के मन में यह बात कहां से आई.. समझ से परे है।
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प्रियांशु के पिता विनोद मालवीय सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। प्रियांशु तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। इस घटना ने सबको शॉक्ड कर दिया है।

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