Published : Apr 03, 2020, 01:10 PM ISTUpdated : Apr 03, 2020, 01:12 PM IST
इंदौर, मध्य प्रदेश. कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रहीं ये वो दो डॉक्टर हैं, जिन पर बुधवार को इंदौर में पत्थरों से हमला किया गया था। टाटपट्टी बाखल में हुए इस पथराव की देशभर में कड़ी निंदा हुई थी। इस घटना के बाद भी दोनों डॉक्टर फिर से जोश और मुस्कराहट के साथ उन्हीं लोगों के बीच पहुंचीं, जो लोग उनकी जान के दुश्मन बने हुए थे। गुरुवार को दोनों डॉक्टर प्रशासनिक अफसरों और मेडिकल टीम के साथ टाटपट्टी बाखल पहुंचीं और लोगों का चेकअप किया। ये डॉक्टर हैं तृप्ति कटारिया और जाकिया। उसके साहस को अब सभी सलाम कर रहे हैं। हमलावरों को पकड़ा जा चुका है। उन पर रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(NSA) लगाकर जेल भेजा जा चुका है। अब उनके परिजनों को पछतावा हो रहा है। जब दोनों डॉक्टर उनके बीच दुबारा पहुंचीं, तो हमलावरों के परिजन माफी मांगने लगे। बोले-हमारे बच्चों से गलती हो गई। आप तो हमारी बहनों जैसी हैं। इस बीच पुलिस ने चंदननगर थाना क्षेत्र की दो मस्जिदों में रह रहे तबलीगी जमात के 25 जमातियों को रेस्क्यू करके निकाला। इन्हें राकुंज गार्डन में क्वारेंटाइन किया है।
बता दें कि दोनों डॉक्टरों के पहुंचते ही करीब 30 सेकंड के अंदर भीड़ ने उन पर पथराव कर दिया था। डॉक्टरों ने माना कि अगर वे वहां से नहीं भागतीं, तो भीड़ उन्हें मार डालती। गुरुवार का जब दोनों डॉक्टर फिर से उसी मोहल्ले पहुंचीं, तो लोगों का बर्ताव बदल चुका था। वे अपने किये पर शर्मिंदा थे। लोगों ने कहा कि प्रशासन और पुलिस हमारी बहुत मदद कर रहा है। फ्री दवाएं दे रहा है, कैंप लगा रहा है और हमारे बच्चों ने यह गलती कर दी।
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डॉक्टरों टीम टाटपट्टी बाखल में लोगों का चेकअप करने पहुंची थी। इसी बीच भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया था।
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इंदौर की इस घटना की देशभर में आलोचना हुई थी।
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इसी बीच पुलिस ने टाटपट्टी बाखल इलाके में हमला करने वाले 7 लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से चार आरोपी मोहम्मद मुस्तफा, मोहम्मद गुलरेज, शोएब और मजीद पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है।