आखिर क्यों इन दूल्हा-दुल्हन की पूरे देश में हो रही चर्चा, न सात फेरे न बैंड-बाजा और थाम लिया एक-दूसरे का हाथ

बैतूल (मध्य प्रदेश). शादी हर किसी के जीवन का सबसे आहम और खास अवसर होता है। इसलिए इसे स्पेशल बनाने के लिए हर कोई लाखों-करोंड़ों रुपए पानी की तरह बहा देता है। मध्य प्रदेश के बैतूल में एक अनोखी शादी हुई, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस विवाह की  खास बात यह थी की इसमें दूल्हा-दुल्हन ने ना तो सात फेरे लिए और ना ही पंडित ने आग्नि के सामने कोई मंत्र पढ़े...बल्कि इस जोड़े संविधान की प्रस्तावना पढ़कर एक-दूसरे के गले में वरमाला पहनकार एक-दूसरे का हाथ थामा। नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए दोनों के प्यार और शादी की दिलचस्प कहानी...

Arvind Raghuwanshi | Published : Jan 17, 2023 5:45 AM IST / Updated: Jan 17 2023, 11:42 AM IST

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 आखिर क्यों इन दूल्हा-दुल्हन की पूरे देश में हो रही चर्चा, न सात फेरे न बैंड-बाजा और थाम लिया एक-दूसरे का हाथ

दरअसल, यह अनूठी शादी बैतूल में रविवार को हुई। जहां दूल्हा-दुल्हन बने दर्शन बुंदेले और राजश्री अहिरे शादी के बंधन में बंध पति-पत्नी बनए। उन्होंने अपने विवाह के दौरान समाज के लोगों को अनोखा संदेशा भी दिया। ना तो कई ढोल-धमाका किया और ना ही अग्नि के सामने सात फेरे लिए। बल्कि दोनों ने देश को संविधान को सर्वोच्च माना और संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया और संविधान को ही शादी का साक्षी माना।

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बता दें कि दर्शन और राजश्री की भारत के संविधान में गहरी आस्था है। दर्शन बैतूल में वकालत करते हैं, जबकि राजश्री हरदा जिले के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं। दोनों संविधान को सर्वोच्च मानते हैं। दोनों जातिवाद के घोर विरोधी रहे हैं। इसी वजह से इन्होंने अपनी शादी में वरमाला से पहले भारत के संविधान साक्षी माना है।

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दर्शन बुंदेला और उनकी दुल्हन राजश्री बचपन के दोस्त हैं। कॉलेज के दिनों से दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। उनकी एक-दूसरे को पसंद की बड़ी वजह उनकी समान विचारधारा रही।  दोनों देश और संविधान को लेकर एक जैसा सोचते हैं। वह रुढीवादी विचारधार के खिलाफ रहते हैं। वह चाहते हैं देश के युवा और बच्चे जातिवाद में ना पढ़कर सविंधान में लिखे अधिकारों को समझे और उसके हिसाब से ही अपना जीवन जिएं।

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इस अनोखी शादी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में मेहमान और स्थानीय लोग पहुंचे हुए थे। खास बात यह थी कि दोनों की शादी में जितने भी मेहमान आए, सभी ने खड़े होकर संविधान की उद्देशिका का वाचन किया।

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दर्शन और राजश्री एक-दूसरे को करीब 12 साल से डेट कर रहे थे। उन्होंने अपने परिवारों को अपनी इच्छा बताई और लव मैरिज और अंतरजातीय विवाह करने का फैसला किया। दोनों परिवारों ने सहमति दी और दोनों एक दूजे के हो गए। इसके लिए दर्शन और राजश्री ने पहले रजिस्टर्ड मैरिज की और फिर रविवार रात संविधान की शपथ लेकर एक दूसरे का हाथ थाम लिया।
 

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 इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से लेकर कई वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, नाते, रिश्तेदार इस के साक्षी बने। इस शादी में जितने भी मेहमान आए, सभी ने खड़े होकर संविधान की उद्देशिका का वाचन किया। वहीं मेहमानों ने दर्शन और राजश्री की इस पहल की सराहना की 

 

 

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