दरअसल, कुछ दिन पहले इंदौर ऑल इंडिया मूमेंट सेवा समिति के सदस्य अजय गुप्ता की नजर इस महिला पर पड़ी तो उन्होंने देखा कि एक महिला तपती दूप में बच्चे को लिए पैदल चली जा रही है। जब उन्होंने उसको रोककर पूछा तो उसने अपनी दर्दभरी कहानी बयां कर दी। महिला ने कहा कि वह सूरत से 1 हजार किलोमीटर चलकर आ रही है। वहां वह एक फैक्ट्री में काम करती थी,जब काम बंद हो गया तो खाने के लिए कुछ नहीं बचा तो ऐसे में उसने अपने घर प्रयागराज जाने की ठान ली। उसके पास एक पैसा भी नहीं था, जिससे वह अपने बेटे को रास्ते में दूध खरीदकर पिला सके। हालांकि बाद में जब इंदौर पुलिस को पता चला तो उन्होंने महिला को कानपुर तक पहुंचाने की व्यवस्था की।