8 माह की गर्भवती 500 KM पैदल चलकर आई, गिड़गिड़ाते हुए बोली-मुझे जाने दो नहीं तो मेरा बच्चा मर जाएगा
ग्वालियर/भोपाल. देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में हर रोज बढ़ती जा रही है। इसके मरीजों की संख्या 1347 हो गई है। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 44 हो गया है। अपना रोजगार छिन जाने के डर से हजारों की संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। केंद्र सरकार की सख्ती के बाद सभी राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश की सीमाएं सील कर दी हैं। जहां हजारों भूखे-प्यासे लोग बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। रोज कहीं ना कहीं से ऐसी विचलित कर देने वाली तस्वीर सामने आ रही हैं। ऐसी ही दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर और खबर मध्य प्रदेश से सामने आई है। जहां एक बेसहारा 8 माह की गर्भवती महिला घर जाने के लिए पुलिस अफसरों के सामने गिड़गिड़ाती रही।
Asianet News Hindi | Published : Mar 31, 2020 7:58 AM IST / Updated: Mar 31 2020, 01:34 PM IST
दरअसल, यह विचलित कर देने वाली तस्वीर सोमवार को दिन यूपी-एमपी के बॉर्डर पर देखने को मिली। जहां सैंकड़ों मजदूरों के समूह में एक आठ माह की गर्भवती महिला भी फंसी हुई थी। वह लाचार अवस्था में पुलिस अफसरों से घर जाने के लिए गिड़गिड़ा रही थी। रोते हुए कह रही थी, सहाब मुझको जाने दो मैं 500 किलोमीटर पैदल चलकर आई हूं। बहुत दर्द हो रहा है, घर नहीं पहुंची तो मेरा बच्चा मर जाएगा। बता दें कि यह गर्भवती महिला का नाम पूजा है और हरियाणा के रेवाड़ी से दो दिन से पैदल आई है और दतिया जाना चाहती है।
तस्वीर में दिखाई देने वाला यह बेबस युवक का नाम भंवरलाल है। वह मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से अपने राजस्थान के बारां जिले जाना चाहता है। उसने रास्ते में अपने टूटे हुए पैर का प्लास्टर काटा और अपने घर के लिए रवाना हो गया। लेकिन, उसे मंदसौर के पास एक चेकपोस्ट पर रोक लिया गया। उसके टूटे पैर से करीब 240 किलोमीटर का सफर और तय करना है।
यह कोरोना भी पता नहीं और कैसे-कैसे दृश्य दिखाएगा। तस्वीर मे दिखाई देने वाली यह बूढ़ी 75 वर्षीय विधवा महिला राजेश्वरी देवी है। जिसकी कमर झुकी हुई है। लेकिन इसके बाद भी वह सामानों का बोझ लिए लाठी के सहारे बिहार के भागलपुर जिले से अपने गांव गोड्डा जाना चाहती है। वह भागलपुर रेलवे स्टेशन के बागक सड़क पर झोला सिलकर अपना जीवन यापन कर रही थी। लेकिन इस कोरोना से सब बिखेर दिया।
तस्वीर में दिखाई देने वाले यह शख्स 55 वर्षीय शमशेर खान है। यह झारखंड-साहिबगंज के रहने वाले हैं। वह 6 दिन पैदल चल रहे हैं। उनको बिहार के पूर्णिया जिले में अपने गांव जाना है। लेकिन पुलिस ने उनको बिहार- झारखंड सीमा पर ही रोक दिया।
बेबसी की यह तस्वरी एमपी के शिवपुरी जिले की है। जहां एक मजदूर पैदल चलते थक गया तो वह पैकेट खोलकर खाना खाने बैठ गया।
यह तस्वीर मध्य प्रदेश की है। जहां दूसरे राज्यों से पलायन करके आए मजदूरों को दतिया बॉर्डर पर रोक दिया गया।
झांसी-दतिया बॉर्डर पर ओवरलोड ट्रक और पैदल सिर पर सामान रखकर बॉर्डर खुलने का इंतजार करते हुए मजदूर।