इंदौर, मध्य प्रदेश. सफलता कड़ा संघर्ष मांगती है। लेकिन कुछ संघर्ष ऐसे होते हैं, जिन्हें मदद से दूर किया जा सकता है। ऐसे ही एक संघर्ष का सामना कर रही हैं भारती खांडेकर और उसका परिवार। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं एग्जाम में 68 प्रतिशत अंक लाने वालीं भारत इंदौर के शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर रहती हैं। ये अहिल्याश्रम स्कूल में पढ़ती हैं। भारती के पिता दशरथ मजदूरी करते हैं। मां एक स्कूल में साफ-सफाई काम करती है। मां-बाप के काम पर निकल जाने के बाद भारती अपने दोनों छोटे भाइयों को संभालती है। साथ ही पढ़ाई पर फोकस करती है। भारती बताती है कि उसका परिवार एक झोपड़ी में रहता था, लेकिन उसे नगर निगम ने तोड़ दिया। फुटपाथ पर भी रहना आसान नहीं है। कभी पुलिसवाले, तो कभी नगर निगमवाले हटाने को आ जाते हैं। भारती कहती है कि वो पढ़-लिखकर अफसर बनना चाहती है। आगे पढ़िए इस बेटी की व्यथा और महाराष्ट्र की अफसर बिटिया की कहानी..