अपने नवजात बच्चों के संग जिंदगी-मौत के बीच फंसी थी फीमेल डॉग, रेलवे ने बचाने झोंक दी ताकत

मां आखिर मां होती है, चाहे वो इंसान की हो या किसी जानवर की। भोपाल स्टेशन के यार्ड में लोहे के पेनल्स के नीचे एक फीमेल डॉगी ने 4 बच्चों को जन्म दिया। अचानक पेनल्स सरक जाने पर सभी नीचे दब गए थे। रेलवे ने 6 घंटे चले रेस्क्यू के बाद उसे बाहर निकाल लिया।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2019 6:34 AM IST / Updated: Nov 04 2019, 12:17 PM IST

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अपने नवजात बच्चों के संग जिंदगी-मौत के बीच फंसी थी फीमेल डॉग, रेलवे ने बचाने झोंक दी ताकत
मामला 2 नवंबर की शाम 7 बजे भोपाल स्टेशन के यार्ड का है। भोपाल डीआरएम इस मामले की तस्वीरें और जानकारी अपने ट्वीटर पर शेयर की हैं।
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भोपाल स्टेशन से कुछ ही दूरी पर रेलवे का यार्ड है। यहां पटरियां और लोहे के पेनल्स(स्लीपर्स) रखे हुए हैं। इन्हीं के बीच एक फीमेल डॉग बच्चों को जन्म देने के बाद फंस गई थी।
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कुछ लोगों ने जब फीमेल डॉग के चिल्लाने की आवाज सुनी, तो नगर निगम को कॉल किया। हालांकि नगर निगम के नाकाम रहने के बाद सीधे मंडल रेल प्रबंधक(DRM) उदय बोरवणकर को सूचना दी।
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DRM के आदेश के बाद रेलवे की क्रेन और गैंगमैन मौके पर पहुंचे। रात करीब 2.25 बजे तक पटरियां हटाई गईं। इसके बाद फीमेल डॉगी और उसके बच्चों को बाहर निकाला गया।
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बताते हैं कि रेस्क्यू टीम के पहुंचने के कुछ देर बाद DRM खुद मौके पर पहुंच गए थे। वे पूरे रेस्क्यू पर नजर रखे हुए थे।
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फीमेल डॉग और उसके दोनों बच्चों के रेस्क्यू के बाद DRM ने डॉक्टर से उनकी जांच कराई। रेस्क्यू सफल होने की खुशी टीम के सदस्यों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी।
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DRM उदय बोरवणकर ने ट्वीट के जरिये इस सफल रेस्क्यू के लिए रेलवे के ट्रैक मेंटेनेंस विभाग और डिजास्टर मैनेजमेंट टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पटरियों को बेहद सावधानी से हटाने की जरूरत थी।
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रेस्क्यू के दौरान करीब 250 वजनी पटरियों को क्रेन के जरिये हटाना पड़ा। इस दौरान बेहद सावधानी बरती गई। क्योंकि जरा-सी चूक से फीमेल डॉग और उसके बच्चों की मौत हो सकती थी।
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