नर्स मां के जल्द घर आने की प्रार्थना करती थी बेटी, क्या मालूम था कि उसे भी एक दिन हॉस्पिटल जाना होगा

भोपाल, मध्य प्रदेश. कोरोना संक्रमण से वॉरियर्स की लड़ाई सबसे अधिक कठिन है। पहला, उन्हें ड्यूटी भी निभानी है और दूसरा संक्रमण से खुद को भी बचाना है। इन सबके बावजूद कई कोरोना वॉरियर्स संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। यही नहीं, जाने-अनजाने उनके परिजन भी संक्रमित हो रहे हैं। यह भावुक करने वाली कहानी 4 साल की बच्ची की है, जिसकी मां नर्स है। ड्यूटी के दौरान मां संक्रमित हुई। लिहाजा, बेटी मां से मिलने को तरसने लगी। अब बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसे लेने जब एम्बुलेंस घर पहुंची, तो वो उदास हो गई। उधर, हॉस्पिटल में भर्ती मां रो पड़ी। मां की ड्यूटी हमीदिया हॉस्पिटल के इमरजेंसी मेडिकल वार्ड में थी। इसी दौरान वो किसी संदिग्ध मरीज के संपर्क में आकर संक्रमित हो गई। माना जा रहा है कि नर्स से ही संक्रमण उसकी बेटी तक पहुंचा।
 

Asianet News Hindi | Published : May 12, 2020 5:22 AM IST

19
नर्स मां के जल्द घर आने की प्रार्थना करती थी बेटी, क्या मालूम था कि उसे भी एक दिन हॉस्पिटल जाना होगा

नर्स का सैम्पल 4 मई को लिया गया था। 7 मई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस दौरान उनकी बेटी मां की सलामती की प्रार्थना करने लगी। उधर, कॉन्टेक्ट हिस्ट्री के आधार पर नर्स के परिवार के 9 सदस्यों के भी 9 मई के सैम्पल लिए गए। अभी सोमवार को बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद दोपहर जब एम्बुलेंस बच्ची को लेने घर पहुंची, तो वो उदास हो गई। हालांकि उसे समझ आ रहा था, फिर भी एम्बुलेंस के ईएमटी भूपेंद्र द्विवेदी बच्ची को बहलाते रहे कि उसे मां के पास ले जा रहे हैं।

29

यह तस्वीर चंडीगढ़ पीजीआई की है। यहां यह महिला प्यार से अपनी कोरोना संक्रमित 18 महीने की बच्ची को मौत के मुहं से बचा लाई। वह 14 दिन तक संक्रमित बेटी के साथ एक ही बेड पर रही, इसके बाद वो संक्रमित नहीं हुई। डॉक्टरों ने बच्ची के साथ महिला के सैम्पल भी कई बार लिए, लेकिन हर बार उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। बता दें कि 20 अप्रैल को उसकी लाडो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, शनिवार को जब बेटी की रिपोर्ट भी निगेटिव आई तो उसको छुट्टी दे दी गई। अब डॉक्टरों का कहना है कि हम रिसर्च करेंगे कि किस तरह यह मां सक्रमण से बच गई।

39

तस्वीर में दिखाई दे रहीं यह मां  25 साल की रुकसाना बानो हैं। ये अपनी तीन साल की बेटी को लेकर 900 किमी पैदल यात्रा कर अपने घर पहुंची हैं। रुकसाना ने चिलचिलाती धूप में इंदौर से अमेठी तक की दूरी अकेले ही तय की है।

49

यह 3 साल के मुमताज की मां साहिबा हैं। ये मप्र के देवास जिले की रहने वाली हैं। इन्होंने 14 दिन अपने इस संक्रमित बेटी के साथ बिताए हैं। खास बात यह है कि साहिबा के साथ रहने के बावजूद बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
 

59

तस्वीर में दिखाई दे रही महिला इंदौर की रहने वाली है। मनीषा राजौरे ने 16 अप्रैल को एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन, 1 मई को नवजात में संक्रमण की पुष्टि हुई। मां की ममता को देखो वह 21 दिन तक अपनी संक्रमित बच्ची को लेकर यहां के चोइथराम अस्पताल में रहीं। वह मास्क और हाथों में दस्ताने पहनकर अपनी बेटी की देखरेख करती रहती थीं। इसी की बदौलत है कि आज उनकी बेटी सही सलामत है।

69

यह तस्वीर श्रीनगर की है। यहां एक मां 14 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद जब 6 अप्रैल को बाहर आई, तो अपने बच्चे को गोद लेने से पहले मास्क और ग्लव्स पहनना नहीं भूली।

79

यह भावुक तस्वीर जयपुर से सामने आई है। यह बच्ची चार साल की अनिका है, जो अब इस दुनिया में नहीं रही। शनिवार को उसने कोरोना से लड़ते हुए दम तोड़ दिया। मासूम को बचाने के लिए उसकी मां लक्ष्मी आखिरी जिंदगी तक लड़ती रही। 

89

मां की ममता की यह तस्वीर महाराष्ट्र के औरंगाबाद के अस्पताल की है। जहां 23 अप्रैल को एक कोरोना पॉजिटिव मां ने बच्चे को जन्म दिया था। संक्रमित होने के चलते मां और उसके नवजात को अलग-अलग रखा गया था। महिला ने तीन दिन बाद अपने जिगर के टुकड़े को वीडियो कॉलिंग के जरिए देखा था।

99

मां की ममता की यह तस्वीर पानीपत की है। इंस्पेक्टर तमन्ना अपनी बेटी को ड्यूटी पर साथ ले जाती हैं। उसे घर में संभालने वाला कोई नहीं है।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos